14 April 2025

फर्जी डिग्री मामले में आगरा में दबिश

 

फर्जी डिग्री मामले में आगरा में दबिश

शिकोहाबाद। जेएस यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री मामले में शिकोहाबाद में दर्ज केस के वांछित आरोपियों की तलाश के लिये शिकोहाबाद पुलिस ने कवायद शुरु कर दी है।



सीओ शिकोहाबाद प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि फर्जी डिग्री मामले में थाना शिकोहाबाद में बुलन्दशहर के 6 छात्रों की तहरीर पर चांसलर सुकेश यादव, रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा समेत डॉक्टर पीएस यादव, डॉक्टर गौरव यादव एवं कृषि संकाय के एचओडी उमेश मिश्रा के खिलाफ मुकदमा लिखा गया था। आरोपी फरार चल रहे हैं। जिनकी तलाश में आगरा में दबिश दी गई है, लेकिन अभी वह पकड़े नहीं जा सके हैं।


जल्द ही उनको गिरफ्तार किया जाएगा।


जेएस विवि में अभी और जिम्मेदारों पर भी गिर सकती है गाज


शिकोहाबाद। जेएस विवि में फर्जी डिग्री प्रकरण की लगातार जांच जारी है। ऐसे में विवि प्रशासन व्यवस्थाओं को चुस्त दुरुस्त करने की कवायद में जुटा हुआ है। जिससे भविष्य में विवि को किसी समस्या से न जूझना न पड़े।


शुक्रवार को जेएसल विवि प्रबंध तंत्र ने बाइस चांसलर, रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक (कंट्रोलर) को उनके पदों से हटा दिया। ऐसे में विवि अपने स्तर पर भी मामले में संदिग्ध लोगों को हटाने की कवायद में जुटा हुआ है। आगे भी अन्य प्रशासनिक अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। फर्जी डिग्री के खुलासे के बाद से कई शिक्षक, कर्मचारी भी विवि नहीं आ रहे हैं। ऐसे में इन कर्मचारियों पर भी प्रबंध तंत्र की गाज गिर सकती है। जे एस विवि में फर्जी डिग्री के मामले में पुलिस प्रशासन की जांच जारी है।

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पुलिस मुकदमे में जेएस के मुकदमों में वांछित आरोपियों की तलाशी कर रही है। वहीं मुकदमे में आरोपी भी पुलिस की जांच से बचने के लिए न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल कर रहे हैं लेकिन अभी तक किसी को भी अग्रिम जमानत नहीं मिल सकी है। वहीं फर्जी डिग्री के मामले में पुलिस को 21 अप्रैल का इंतजार है। जहां विवि के चांसलर डॉ. सुकेश यादव, रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा को कोर्ट ने तलब किया है। शिकोहाबाद पुलिस दोनों को कोर्ट से रिमांड पर लेकर पूछताछ करना चाहती है। जिससे फर्जी डिग्री मामले की जांच पूरी हो सके। क्योंकि जब तक सभी आरोपियों से पूछताछ नहीं हो जाती है तब तक पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचेगी।


इस बारे में प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार का कहना है कि 21 अप्रैल को अगर कोर्ट से रिमांड मिलती है तो सभी आरोपियों से पूछताछ होगी। जिसके आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।