प्रदेश के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में एस्ट्रोलॉजिकल लैब बनाए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को ग्रह, नक्षत्रों और खगोलीय घटनाओं की समग्र जानकारी मिलेगी। शिक्षा मंत्रालय की प्रोजेक्ट एडवाइजरी बोर्ड (पीएबी) ने प्रदेश के 746 केजीबीवी के लिए 1,243 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दे दी है। इससे विद्यालयों का समग्र विकास किया जाएगा।
छात्राओं को खगोलीय घटनाओं, ग्रह व नक्षत्रों की जानकारी देने के लिए विशेष जोर दिया जा रहा है। जिससे की छात्राओं की खगोलीय विज्ञान की पढ़ाई के प्रति रुझान बढ़े। लैब बनाने के लिए प्रति विद्यालय चार लाख के हिसाब से कुल 29 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
बाउंड्रीवाल के लिए 121 करोड़ रुपयेः प्रदेश के 746 कस्तूरबा विद्यालयों को इंटरमीडिएट तक उच्चीकृत किया जा रहा है। इनमें से कुछ विद्यालयों में बाउंड्रीवाल या
तो नहीं है या कम ऊंची है। इससे सुरक्षा को लेकर समस्या आ रही है। बिना जानकारी के छात्राओं के विद्यालय से बाहर जाने की सूचनाएं भी मिली हैं। लिहाजा सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए ऊंची बाउंड्रीवाल बनाई जाएगी। इसके लिए 121 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है।
एक केजीबीवी एक खेल योजना को भी बढ़ावा साथ ही एक केजीबीवी एक खेल योजना को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इसके तहत हर जिले में दो-दो कस्तूरबा विद्यालय चिह्नित कर खेलों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए 19 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है।
समग्र शिक्षा के उप निदेशक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि छात्राओं को स्वस्थ व सशक्त बनाने के लिए हर केजीबीवी में ओपेन जिम बनाने के लिए दो लाख प्रति विद्यालय बजट स्वीकृत हुआ है। वहीं, वाशिंग मशीन व सोलर गीजर के लिए 2.50 लाख रुपये प्रति केजीबीवी मिला है। सभी विद्यालयों में जेनसेट भी लगेगा।
केजीबीवी का अपना एक बैंडः डॉ. मुकेश ने बताया कि हर केजीबीवी का अपना एक बैंड तैयार किया जाएगा। छात्राएं विद्यालय के साथ ही विभिन्न आयोजनों में इसका
प्रदर्शन करेंगी। वहीं, छात्राओं को लोकनृत्य व वहां की जीवनशैली और वाद्य यंत्रों से भी रूबरू कराया जाएगा। इसके लिए वाद्य यंत्र भी खरीदे जाएंगे। इसके लिए छह करोड़ रुपये का बजट मिला है। छात्राओं को ताजा भोजन उपलब्ध कराने के लिए रोटी बनाने वाली मशीन भी लगाई जाएगी।