सिद्धार्थनगरः उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष सुषमा सिंह के नेतृत्व में जिले की महिला शिक्षकों ने बृहस्पतिवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालय पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा। यह प्रदर्शन अंतर्जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया में व्याप्त कथित विसंगतियों और लंबे समय से स्थानांतरण न होने से परेशान शिक्षिकाओं द्वारा किया गया।
बेसिक शिक्षा सचिव को संबोधित ज्ञापन में शिक्षिकाओं ने आकांक्षी जिला घोषित होने के बावजूद स्थानांतरण प्रक्रिया में सीमित लाभ मिलने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में हुए तीन अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के बाद भी मात्र दस प्रतिशत शिक्षिकाओं को ही इसका लाभमिल सका है। इसके पश्चात, गृह जनपद या इच्छित जनपद में स्थानांतरण न होने के कारण महिला शिक्षकों की पारिवारिक और घरेलू जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
शिक्षिकाओं ने स्थानांतरण के लिए एक स्थाई और पारदर्शी नीति बनाने की पुरजोर मांग की। उन्होंने अन्य
सरकारी विभागों की तरह ही एक निश्चित समयावधि तक एक जनपद में सेवा करने के उपरांत मनचाहे स्थानांतरण का प्रावधान किए जाने की अपील की। इसके अतिरिक्त, ज्ञापन में निर्धारित दोषपूर्ण भारांकों में सुधार करने की भी मांग उठाई गई। असाध्य रोगियों के स्थानांतरण के संबंध में शिक्षिकाओं ने मांग की कि मेडिकल टीम गठित कर उनका भौतिक परीक्षण कराया जाए, न कि केवल डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर ही उन्हें असाध्य रोगी मानकर स्थानांतरण प्रक्रिया में लाभ दिया जाए। अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन महिला शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष सुषमा सिंह के नेतृत्व में वित्त एवं लेखाधिकारी नीलोत्तम चौबे को सौंपा गया। इस दौरान रश्मि निषाद, शशिकला सिंह, आरती शुक्ला, सीमा द्विवेदी,संचिता मजूमदार, रूपा, निधि, ऋचा, साधना, शीला यादव, शाइस्ता, उपमा, बीनू शर्मा,
मधुरानी, वंदना, कविता, शिखा समेत बड़ी संख्या में महिला शिक्षक उपस्थित रहीं।