19 April 2025

क्या ससुर की प्रॉपर्टी पर दावा कर सकता है दामाद? आधे भारत को नहीं पता होंगे ये नियम

भारतीय समाज में  प्रॉपर्टी में उत्तराधिकार पर अनेकों  कानून बनाए गए हैं. इन कानूनों में साफ बताया होता है कि कौन प्रॉपर्टी पर दावा कर सकता है और कौन नहीं. इन अधिकारों को जानना बहुत जरूरी है.

भारतीय समाज में कई बार ऐसा देखा जाता है कि ससुर और दामाद के बीच प्रॉपर्टी के विवाद सामने आए हैं. जानिए क्या ससुर की प्रॉपर्टी पर दामाद कर सकता है दावा.


क्या ससुर की प्रॉपर्टी पर दावा कर सकता है दामाद? जानें नियम

भारत में प्रॉपर्टी के उत्तराधिकार को लेकर कई कानून बनाए गए हैं, जो स्पष्ट रूप से बताते हैं कि प्रॉपर्टी पर कौन दावा कर सकता है और कौन नहीं। इन नियमों को जानना बेहद जरूरी है, क्योंकि अक्सर ससुर और दामाद के बीच प्रॉपर्टी को लेकर विवाद देखने को मिलते हैं। आइए जानते हैं कि क्या दामाद ससुर की प्रॉपर्टी पर दावा कर सकता है।

प्रॉपर्टी पर उत्तराधिकार के नियम

भारत में प्रॉपर्टी के उत्तराधिकार को नियंत्रित करने वाले कानून, जैसे हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956, मुख्य रूप से खून के रिश्तों पर आधारित हैं। इनके अनुसार, प्रॉपर्टी पर पहला हक पत्नी, बच्चों (बेटा/बेटी), माता-पिता और कुछ मामलों में भाई-बहनों का होता है। दामाद को इन कानूनों में सामान्यतः उत्तराधिकारी के रूप में शामिल नहीं किया जाता।

ससुर और दामाद के बीच प्रॉपर्टी विवाद

भारत में ससुर और दामाद के बीच प्रॉपर्टी को लेकर विवाद आम हैं। हालांकि, कानूनी रूप से दामाद को ससुर की प्रॉपर्टी पर सीधा हक नहीं मिलता, क्योंकि वह खून के रिश्ते की श्रेणी में नहीं आता। फिर भी, कुछ खास परिस्थितियों में दामाद प्रॉपर्टी पर दावा कर सकता है।

वसीयत के जरिए प्रॉपर्टी

यदि ससुर की प्रॉपर्टी स्व-अर्जित (self-acquired) है, तो उनके पास यह अधिकार होता है कि वे अपनी प्रॉपर्टी किसी को भी दे सकें। ससुर अपनी वसीयत के माध्यम से दामाद को प्रॉपर्टी का वारिस बना सकते हैं। वसीयत होने पर दामाद उस हिस्से पर दावा कर सकता है, जो उसे वसीयत में दिया गया है।

गिफ्ट डीड के माध्यम से प्रॉपर्टी

ससुर अपने जीवनकाल में दामाद को स्व-अर्जित प्रॉपर्टी गिफ्ट डीड के रूप में दे सकते हैं। गिफ्ट डीड एक कानूनी दस्तावेज है, जिसके जरिए प्रॉपर्टी का हस्तांतरण किया जाता है। ऐसी स्थिति में दामाद प्रॉपर्टी का मालिक बन सकता है।

प्रॉपर्टी में योगदान का दावा

यदि दामाद ने ससुर को प्रॉपर्टी खरीदने में आर्थिक या अन्य योगदान दिया है और इसके प्रमाण मौजूद हैं, तो वह योगदान के आधार पर प्रॉपर्टी में हिस्सेदारी का दावा कर सकता है। हालांकि, इस दावे को कानूनी रूप से साबित करना आवश्यक होता है।

बेटी की मृत्यु के बाद दावा

हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत, ससुर की मृत्यु के बाद उनकी बेटी को प्रॉपर्टी में हिस्सा मिलता है। यदि बेटी की मृत्यु बिना वसीयत बनाए हो जाती है, तो उसकी प्रॉपर्टी उसके कानूनी उत्तराधिकारियों, जैसे पति (दामाद) को मिल सकती है। इस स्थिति में दामाद अपनी पत्नी की प्रॉपर्टी पर दावा कर सकता है।


सामान्यतया  दामाद का ससुर की प्रॉपर्टी पर कोई सीधा अधिकार नहीं होता। हालांकि, वसीयत, गिफ्ट डीड, योगदान के प्रमाण, या बेटी की मृत्यु के बाद कुछ विशेष मामलों में दामाद दावा कर सकता है। यह नियम प्रॉपर्टी के प्रकार (स्व-अर्जित या पैतृक) और परिवार के धर्म (हिंदू, मुस्लिम, ईसाई आदि) के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। सटीक जानकारी और कानूनी सलाह के लिए किसी वकील से संपर्क करना उचित है।