लखनऊ। यूपी की साक्षरता दर 69.72 से बढ़कर 72.6 प्रतिशत हो गई है। खास तौर पर शहरी क्षेत्रों की स्थिति में अधिक सुधार हुआ है। सूबे के शहरों में साक्षरता दर अब 80.85 प्रतिशत हो गई है। इस मामले में यूपी ने हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को पीछे छोड़ दिया है।
केंद्रीय सांख्यिकीय एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता के मामले में यूपी की स्थिति में सुधार की जरूरत है।
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अभी यह दर 70.45 प्रतिशत है। बिहार और झारखंड जैसे राज्य भी ग्रामीण क्षेत्र के साक्षरता में फिलहाल यूपी से बेहतर स्थिति में हैं।
लैंगिक अंतर घटा: रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश की औसत साक्षरता दर अब 72.6 है, जबकि 2011 में यह 69.72% पर थी। स्त्री-पुरुष की साक्षरता के हिसाब से देखें तो 2024 में प्रदेश में पुरुषों की साक्षरता दर 81.8 फीसदी, महिलाओं की साक्षरता दर 63.4 फीसदी पर पहुंच चुकी है। प्रदेश में अब पुरुष और महिलाओं के बीच साक्षरता के क्षेत्र में लैंगिक अंतर 18.4 फीसदी है जो पहले से कम हुई है। वहीं वर्ष 2011 में 79.24 प्रतिशत पुरुष साक्षर थे, जबकि महिला साक्षरों का प्रतिशत करीब 59.26 था। तब लैंगिक अंतर 19.98 प्रतिशत का था।
यूपी आन्ध्र, राजस्थान से आगे : उत्तर प्रदेश की तुलना में आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, राजस्थान में पुरुषों की साक्षरता कम है। ग्रामीण क्षेत्रों में आंध्र, बिहार, कर्नाटक, राजस्थान और तेलंगाना में यूपी की तुलना में पुरुषों की साक्षरता दर कम है।
असम के शहरों में महिलाएं अधिक साक्षर
देश में असम ही एक मात्र ऐसा राज्य है जहां के शहरी क्षेत्रों में पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक साक्षर हैं। असम के शहरी क्षेत्र में 86.3 फीसदी पुरुष साक्षर हैं, जबकि महिलाओं की साक्षरता दर वहां 91.4 फीसदी है। यहां दोनों के बीच का अन्तर -5.1 प्रतिशत का है।