, लखनऊ : सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में साइंस, टेक्नोलाजी, इंजीनियरिंग व मैथ्स (एसटीईएम) यानी स्टेम लैब बनाई जाएगी। इसकी मदद से डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) के प्रशिक्षुओं को इन विषयों का व्यावहारिक ज्ञान दिया जाएगा। वहीं प्रोजेक्ट आधारित शिक्षण विधि पर पूरा फोकस होगा ताकि यह भावी शिक्षक आगे विद्यालयों में बेहतर ढंग से पढ़ाई करा सकें। शोध व नवाचार सेल का गठन भी किया जाएगा।
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राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (डायट) के संयुक्त निदेशक डा. पवन सचान ने बताया कि इस लैब की मदद से प्रशिक्षुओं को अपने ज्ञान के बेहतर उपयोग का मौका दिलाया जाएगा। उन्हें नवाचार के लिए
प्रेरित किया जाएगा। लैब में प्रौद्योगिकी से जुड़े उपकरण व जरूरी साफ्टवेयर उपलब्ध कराए जाएंगे जिसकी मदद से सक्रिय शिक्षण व समस्या समाधान को प्रोत्साहित किया जाएगा। डीएलएड प्रशिक्षु नवाचार के जरिये विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग व गणित में अच्छी शिक्षा देना सीखें, इस पर जोर दिया जाएगा। गठित की जा रही शोध व नवाचार सेल में विशेषज्ञों की मदद से डीएलएड प्रशिक्षुओं को उनके अच्छे विचारों को नवाचार में तब्दील करने में उनकी मदद की जाएगी।
एक डायट के सर्वश्रेष्ठ नवाचार को दूसरे डायट में भी लागू किया जाएगा। अभी प्रदेश में 70 जिलों में डायट हैं। वहीं कासगंज, अमेठी, गाजियाबाद, संभल व शामली में डायट भवनों का निर्माण किया जा रहा है।