*#मिशन पदोन्नति अपडेट (सुप्रीम कोर्ट)*
✍️ *राघवेन्द्र पाण्डेय*
*आप सभी वरिष्ठ गुरूजनों को सादर जय सीताराम 👏👏*
*सुप्रीम कोर्ट में आज जो सुनवाई हुई, उसमे अल्पसंख्यक विद्यालयों का मुद्दा ही हाबी रहा, AGI ने अल्पसंख्यक विद्यालयों को लक्ष्य बनाकर अपनी बहस किया,अल्पसंख्यक विद्यालय के समर्थकों ने अपनी हार देखकर मामले को 7 जज (संविधान पीठ)में ले जाने का प्रयास किया, परन्तु AGI ने इसका विरोध किया, उन्होंने कहा कि एक बार NCTE को फिर से सुन लिया जाय, अब 3 अप्रैल की बहस में NCTE को सुना जाएगा, पदोन्नति मामले में एकल पीठ में हमें जीत मिली है, हमारे आदेश (शिव कुमार पांडेय)को डिवीजन बेंच मे चैलेंज किया गया है, परन्तु शिव कुमार पांडेय के आदेश पर अबतक कोई स्थगन नहीं है, क्योंकि मैंने स्पेशल अपील defective (राहुल पाण्डेय)का विरोध किया था, राहुलजी ने भी स्टे लेने का कोई प्रयास नहीं किया, उन्होंने जिस अंदाज में NCTE से जवाब मँगवाया, मुझे ऐसा प्रतीत हुआ कि वह मामले को निस्तारित करा कर सुप्रीम कोर्ट जाने की जल्दबाजी में हैं, डिवीजन बेंच मे मै प्रतिवादी हूँ, मेरा तो उद्देश्य यही था कि राहुल जी का रुख भांपकर उनका विरोध किया जाय, इसलिए मैंने Objection का समय ले लिया, जिससे मामला अभी तक डिवीजन बेंच मे विचाराधीन है, मैंने सर्वोच्च न्यायालय में तमिलनाडु बनाम R Varun मामले को तवज्जो दिया, उसमें Intervention Application फ़ाइल किया, फिर देखा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी Application फ़ाइल कर दिया है जिनका रुझान मेरे पक्ष में है, उसके बाद राहुलजी ने भी Application फ़ाइल किया है, जोकि हमारा/ तमिलनाडु सरकार का विरोध कर रहे हैं, आज देखा कि संविधान पीठ को लेकर चर्चा जोरों पर है, मै प्रयास करूँगा कि मामला संविधान पीठ में न जाए, क्योंकि हम अल्पसंख्यक मामले से अलग हैं, तमिलनाडु सरकार की तरह हम कार्य नहीं कर रहे हैं, 29-07-2011 के बाद नियुक्त लोगों के मामले में हम तमिलनाडु सरकार के विरोध में हैं, तमिलनाडु सरकार 29-07-2011 के बाद नियुक्त लोगों के लिए भी पदोन्नति में TET से राहत चाहती हैं, इसलिए अल्पसंख्यक मामले को ढाल बनाकर लेकर चल रही है,जबकि हम RTE ऐक्ट के अनुसार नियुक्त शिक्षकों पर पदोन्नति मे TET चाहते हैं, तमिलनाडु बनाम R Varun केस को संविधान पीठ में भेजने का हम विरोध करेंगे, इसके बावजूद भी इसमें कविता रामेश्वर मैडम एवं तमिलनाडु सरकार,महाराष्ट्र सरकार की भूमिका महत्त्वपूर्ण होगी, यदि दुर्भाग्यवश पदोन्नति का मामला भी संविधान पीठ में गया तो इलाहाबाद हाईकोर्ट में राहुल पाण्डेय की स्पेशल अपील Defective में जवाब लगाकर मामले को निस्तारित कराने का प्रयास करेंगे, यदि हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच से हमारा एकल पीठ का आदेश रद्द हुआ तो सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल अपील दाखिल करके मामले के शीघ्र निस्तारण का प्रयास करूँगा, यदि डिवीजन में जीत गया तो एकल पीठ के आदेश पर Contempt फ़ाइल करके शीघ्र पदोन्नति करवाने का प्रयास करूँगा, जबकि मुझे पता है कि डिवीजन बेंच मे यदि मै जीत गया तो उस आदेश के विरुद्ध नईम अहमद जैसे लोग राहुलजी से सुप्रीम कोर्ट में SLP फ़ाइल करवा देंगे,जिसके परिणामस्वरूप संविधान पीठ के निर्णय के बाद ही पदोन्नति हो पाएगी, उपरोक्त बात मात्र एक प्रत्याशा है, मेरा पूरा प्रयास है कि तमिलनाडु बनाम R Varun केस इन्हीं दो न्यायमूर्ति की कोर्ट से शीघ्रता से निस्तारित हो और समस्त शिक्षकों की वरिष्ठता के आधार पर अविलम्ब पदोन्नति हो, इस पोस्ट में लगभग मैंने सारी बातें विस्तार से लिख दिया है, नकारात्मक विषय पर आप सब बिल्कुल भी हताश न हों, न्यायालय का मामला इसलिए मैंने पक्ष -विपक्ष सबकी बातें विस्तार से लिखा है,*
✍️ राघवेन्द्र पाण्डेय