लखनऊ। प्रदेश में अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में तैनात रहे तदर्थ शिक्षकों को वेतन जारी करने संबंधित शासनादेश व उनके मामले में हुए न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा। विधान परिषद में निर्दल समूह के विधायकों की ओर से तदर्थ शिक्षकों के नियमितीकरण व वेतन का मुद्दा उठाए जाने पर माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने यह आश्वासन दिया।
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निर्दल समूह के ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस मामले में उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। वाराणसी, प्रयागराज, अयोध्या, मिर्जापुर, देवीपाटन आदि मंडलों में तदर्थ शिक्षकों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। इस
मामले में नेता सदन की ओर से बुलाई बैठक भी बेनतीजा रही है।
इस पर माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि तदर्थ शिक्षकों को वेतन देने का दायित्व प्रबंध तंत्र का है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है और नियमानुसार रखे गए शिक्षकों को वेतन दिया जा रहा है। इसका निर्दल समूह व भाजपा सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह, श्रीचंद्र शर्मा ने विरोध किया।
देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मंत्री की बात विभाग के अधिकारी नहीं सुनते हैं। उनकी बात को गंभीरता से नहीं लेते हैं। इस पर मंत्री ने नाराजगी जताई और कहा कि न तो वह लाचार हैं न ही किसी के वश में हैं। यहां तो अपने ही अपने को झुकाने का प्रयास कर रहे हैं। सभापति
कुंवर मानवेंद्र सिंह ने भी इसका अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
मान्यता में छूट का प्रस्ताव विचाराधीन
माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी ने शुक्रवार को विधान परिषद में कहा कि प्रदेश में पहले से चल रहे माध्यमिक शिक्षा परिषद के वित्तविहीन विद्यालयों को नई मान्यता लेने के लिए नियमों में छूट मिल सकती है। पहले से चल रहे विद्यालयों को नई मान्यता में छूट का प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन है। इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। मंत्री निर्दल समूह के विधायक डॉ. आकाश अग्रवाल व राजबहादुर चंदेल की ओर से उठाए गए सवाल का जवाब दे रहीं थीं।