एक परीक्षा शिक्षक की योग्यता का मापदंड नहीं हो सकती
शिक्षा एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ ज्ञान, अनुभव और शिक्षण कौशल का महत्व सबसे अधिक होता है। एक शिक्षक केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं होता, बल्कि उसका असली मूल्यांकन उसकी कक्षा में बच्चों के साथ व्यवहार, शिक्षण पद्धति और ज्ञान के प्रस्तुतीकरण से होता है। वर्तमान समय में कई प्रकार की परीक्षाएँ शिक्षकों की योग्यता को मापने के लिए आयोजित की जाती हैं, जिनमें से ARP (अकादमिक रिसोर्स पर्सन) परीक्षा भी एक है। लेकिन क्या केवल एक 2 या 2.30 घंटे की परीक्षा यह तय कर सकती है कि कोई शिक्षक योग्य है या अयोग्य?
1. क्या एक परीक्षा शिक्षक की योग्यता का निर्धारण कर सकती है?
शिक्षक की योग्यता केवल किसी एक परीक्षा के आधार पर नहीं आंकी जा सकती। शिक्षण एक निरंतर सीखने और सिखाने की प्रक्रिया है, जिसमें अनुभव, व्यवहारिक ज्ञान और समझ का महत्वपूर्ण स्थान होता है। कोई भी परीक्षा शिक्षक की पूरी क्षमता को नहीं आंक सकती क्योंकि:
- यह केवल कुछ चुनिंदा प्रश्नों पर आधारित होती है, जबकि शिक्षण में अनगिनत पहलू शामिल होते हैं।
- परीक्षा के समय का दबाव और परिस्थितियाँ किसी शिक्षक के वास्तविक ज्ञान और कौशल को प्रभावित कर सकती हैं।
- शिक्षकों की प्रतिभा का मूल्यांकन केवल लिखित परीक्षा से नहीं किया जा सकता, बल्कि उनके कक्षा-प्रदर्शन, विद्यार्थियों के साथ संवाद और व्यावहारिक ज्ञान से किया जाना चाहिए।
2. चुनिंदा प्रश्नों के उत्तर न दे पाना योग्यता पर प्रश्नचिह्न नहीं लगाता
कई बार शिक्षक किसी परीक्षा में कुछ प्रश्नों के उत्तर नहीं दे पाते, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि वे अयोग्य हैं। यह कई कारणों से हो सकता है:
- परीक्षा में पूछे गए प्रश्न किसी विशेष पाठ्यक्रम या संकीर्ण विषय तक सीमित हो सकते हैं, जबकि शिक्षक का ज्ञान व्यापक होता है।
- समय की कमी या परीक्षा के तनाव के कारण शिक्षक पूरी क्षमता से उत्तर नहीं दे पाते।
- परीक्षा का स्वरूप शिक्षक के वास्तविक शिक्षण कौशल को प्रतिबिंबित नहीं करता।
इसलिए, कुछ प्रश्नों के उत्तर न देना किसी शिक्षक की योग्यता पर सवाल उठाने का उचित आधार नहीं हो सकता।
3. ARP परीक्षा में असफलता शिक्षक की अयोग्यता नहीं दर्शाती
ARP परीक्षा एक महत्वपूर्ण परीक्षा हो सकती है, लेकिन इसमें असफल होना यह साबित नहीं करता कि शिक्षक अयोग्य हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं:
- हर शिक्षक की अपनी विशेषज्ञता होती है, और हो सकता है कि परीक्षा में पूछे गए प्रश्न उसकी विशेषता से मेल न खाते हों।
- शिक्षण कौशल केवल लिखित परीक्षा से नहीं आँका जा सकता, बल्कि यह शिक्षक के अनुभव, समझ और विद्यार्थियों को पढ़ाने की कला में निहित होता है।
- कई महान शिक्षकों ने भी औपचारिक परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन उनके शिक्षण कौशल ने उन्हें महान बना दिया।
अंत में मै यह कहना चाहूंगा कि...
एक शिक्षक की योग्यता केवल किसी एक परीक्षा के आधार पर तय नहीं की जा सकती। शिक्षण एक सतत प्रक्रिया है, जिसमें अनुभव, कक्षा प्रबंधन, विद्यार्थियों की जरूरतों को समझना और पाठ्य सामग्री को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करना शामिल होता है। केवल ARP या किसी अन्य परीक्षा में असफल होने से किसी शिक्षक को अयोग्य घोषित करना अनुचित होगा। शिक्षक का मूल्यांकन उसकी कक्षा में दी गई शिक्षा की गुणवत्ता, विद्यार्थियों के विकास और उनके शिक्षण कौशल के आधार पर किया जाना चाहिए, न कि केवल किसी लिखित परीक्षा के आधार पर।