रिटायर शिक्षिका डिजिटल अरेस्ट,10 लाख हड़पे

 

लखनऊ, साइबर ठगों ने सीबीआई अधिकारी बनकर रिटायर शिक्षिका को छह दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर दस लाख रुपये हड़प लिए। फर्जी सीबीआई अधिकारी ने कॉल कर वृद्धा पर मनी लांड्रिंग में शामिल होने की धमकी दी। छह दिन तक गिरफ्तार रहने के दौरान वृद्धा से दो खातों में रुपये ट्रांसफर कराए गए। पीड़िता ने साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।


महिला के नाम से अकाउंट खुलने का किया दावा: हुसैनगंज छितवापुर निवासी अलका मिश्रा रिटायर शिक्षिका है। 15 मार्च की दोपहर उनके पास व्हाटसऐप कॉल आई। फोन करने वाले ने सीबीआई अधिकारी के तौर पर पहचान बताई। अलका से कहा कि आपके नाम से बैंक ऑफ बड़ौदा भोपाल ब्रांच में अकाउंट खुला है। जिसके जरिए मनी लांड्रिंग हो रही है। अलका ने मना किया। इस पर आरोपित ने उनके बैंक खातों का विवरण देने को कहा। डिटेल हासिल करने के बाद बोला कि आपके खाते में जमा रुपयों के स्त्रत्तेत की जांच की जाएगी। मनी लांड्रिंग में शामिल नहीं हुई तो रुपये खाते में वापस आ जाएंगे।


वीडियो कॉल पर किया गया डिजिटल अरेस्ट


ठग की बातों पर विश्वास कर अलका ने उन्हें खाते की डिटेल बता दी थी। कथित सीबीआई अधिकारी ने कहा कि आप वीडियो कॉल के जरिए डिजिटल अरेस्ट रहेंगी। ध्यान रहे कि गिरफ्तारी के बारे में किसी को बताना नहीं है। अगर आपने परिवार के सदस्य या किसी अन्य से बात की। तो गिरफ्तारी के लिए टीम रवाना हो जाएगी। इस भय में अलका ने जानकारी नहीं दी।

दो खातों में जमा कराए गए रुपये, रिपोर्ट दर्ज

पीड़िता ने पुलिस को बताया कि गिरफ्तारी के डर से वह ठग के कहे मुताबिक काम करती रही। 18 मार्च को अलका ने बताए गए इण्डियन बैंक अकाउंट में सात लाख व 20 मार्च को बैंक ऑफ महाराष्ट्र खाते में तीन लाख रुपये ट्रांसफर किए। दस लाख भेजने के बाद भी अलका को रुपये वापस नहीं मिले। संदेह होने पर उन्होंने पति को घटना के बारे में बताया और साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।