आधार की गड़बड़ी से अपार आईडी में अड़ंगा

 

मिहींपुरवा, । बेसिक व माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों की ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी बनाने के लिए स्कूलों पर काफी दबाव है। इसके लिए रविवार को भी स्कूल खोले गए, लेकिन अपार आईडी बनाने में सबसे बड़ी बाधा छात्रों व उनके अभिभावकों के आधार कार्ड हैं। इसमें कुछ के आधार नहीं है तो कुछ के आधार में कमियां हैं। इससे अपार आईडी बनने में दिक्कत आ रही है।


4 फरवरी तक शत प्रतिशत छात्रों की अपार आईडी बनाने का लक्ष्य है लेकिन इसकी प्रगति ठीक नहीं है। शिक्षकों के मुताबिक छात्रों के आधार में दर्ज नाम व पते से स्कूल के रिकॉर्ड में थोड़ा भी अंतर है तो अपार आईडी नहीं बन रही है।



शिक्षक संगठनों ने कहा की अपार आईडी बनाने से पहले आधार में संशोधन के लिए कैंप लगाना चाहिए। जिससे ऐसी दिक्कतें न हो।



आधार के न होने व इसमें कमियों से काफी दिक्कतें हो रही हैं। इसके लिए भी शिक्षक पर दबाव बनाया जाता है।


यू डाइस में डाटा संशोधन का अधिकार प्रधानाचार्य को नहीं : विद्यालयों में एक दिक्कत यह भी आ रही है कि स्कूल स्तर पर यू डायस में डाटा संशोधन का अधिकार प्रधानाचार्य को नहीं है। इसके लिए आवेदन भेजा जाता है और निदेशालय स्तर पर इसमें सुधार किया


जाता है। इसमें काफी समय लगता है प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष ने बताया कीबच्चों का नामांकन सिर्फ पहले क्लास में होता है दूसरी व तीसरी क्लास में बच्चों का पुराना ही डाटा लिया जाता है। किसी भी तरह के संशोधन के लिए मैन्युअल प्रस्ताव लिया जाता है और फिर निदेशालय इस स्तर पर कार्रवाई करता है। डाटा संशोधन का अधिकार प्रधानाचार्य को भी दिया जाना चाहिए।



जन्म प्रमाण पत्र बनने में भी हो रही दिक्कत


तहसील व ग्रामपंचायत कार्यालय से छात्रों का जन्म प्रमाण पत्र समय से नहीं जारी हो रहा है। इससे अपार आईडी बनने में भी दिक्कत आ रही है। आधार कार्ड न होने से छात्रों को भी दिक्कत आ रही है। आधार कार्ड न होने से छात्रों को डीबीटी का लाभ भी नहीं मिल रहा है। बच्चों वह अभिभावकों के आधार कार्ड व स्कूल डाटा में भी अंतर है। इन समस्याओं की तरफ ध्यान दिया जाए।