नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अपने अधिकारियों-कर्मचारियों को दफ्तर के कंप्यूटर और अन्य उपकरणों पर चैटजीपीटी व डीपसीक जैसे कृत्रिम मेधा (एआई) टूल या एप का उपयोग न करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने कहा है, इनका इस्तेमाल गोपनीय सरकारी डाटा और दस्तावेज के लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है।
मंत्रालय के व्यय विभाग ने सभी विभागों को भेजी एडवाइजरी में कहा है कि दफ्तर के कंप्यूटर, फोन व अन्य उपकरणों में एआई टूल और एआई एप के इस्तेमाल से सख्ती से परहेज किया जाना चाहिए। सरकार ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जब ऑस्ट्रेलिया व इटली जैसे देशों ने गोपनीयता व डाटा सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए सिस्टम को चीन की एआई कंपनी डीपसीक से संरक्षित करने की घोषणा की है।
डीपसीक ने पिछले हफ्ते किफायती एआई टूल आर1 के जरिये पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया था। चैटजीपीटी की कंपनी ओपनएआई और एआई चिप बनाने वाली एनवीडिया को इससे तगड़ा झटका लगा था।
ओपनएआई भारत के साथ सहयोग के लिए राजी : वैष्णव
नई दिल्ली। ओपनएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सैम ऑल्टमैन ने कहा कि भारत एआई व ओपनएआई के लिए अहम और हमारा दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। बीते वर्ष यहां उपयोगकर्ताओं की संख्या तीन गुना हो गई है। भारत आए
ऑल्टमैन ने बुधवार को सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की। इस दौरान, केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि इनोवेशन दुनिया में कहीं भी हो सकता है, तो फिर भारत में क्यों नहीं। वैष्णव ने कहा, ऑल्टमैन के साथ संपूर्ण एआई स्टैक-जीपीयू, मॉडल और एप पर चर्चा हुई। ऑल्टमैन इन तीनों क्षेत्रों में भारत के साथ सहयोग के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि, आपदा प्रबंधन, परिवहन क्षेत्र में एआई के इस्तेमाल पर भारत काम कर रहा है। ब्यूरो