मथुरा। विजिलेंस आगरा की टीम सोमवार को डीपीआरओ के रिश्वत लेने के मामले में जांच करने विकास भवन पहुंची। टीम ने इस दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों को दी गई खेल किट में हुए गड़बड़ी के बारे में जानकारी जुटाई। इससे संबंधित अभिलेख व अन्य जानकारियों को गहनता से जुटाने के साथ कई अभिलेख भी लिए। टीम आठ घंटे तक विकास भवन में जांच के बाद वापस आगरा लौट गई।
विजिलेंस लखनऊ की टीम ने 4 फरवरी को मथुरा की डीपीआरओ किरन चौधरी और सेवानिवृत्त चालक विजेंद्र को 70 हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। वर्तमान में दोनों मेरठ जेल में निरुद्ध हैं। मामले की जांच विजिलेंस आगरा की चार सदस्यीय टीम कर रही है।
सोमवार को निरीक्षक जितेंद्र सिंह और
अशोक कुमार के नेतृत्व में टीम विकास भवन पहुंची। टीम ने पंचायत राज कार्यालय में ग्राम पंचायतों द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों को आपूर्ति की गई खेल किट के अभिलेख खंगाले। दरअसल मंडलायुक्त आगरा के आदेश पर संयुक्त विकास आयुक्त आगरा के नेतृत्व में गठित टीम ने खेल किट में हुए खेल की जांच की थी। इसमें जांच टीम को अनियमितता मिली थी।
संबंधित जितने भी अभिलेख थे, सबकी एक प्रति भी प्राप्त की। वहीं ग्राम पंचायतों में विकास से जुड़े मामलों की भी जानकारी जुटाई। सुबह 10 बजे करीब पहुंची जांच टीम शाम को छह बजे तक विकास भवन में ही डटी रही। सूत्रों के अनुसार निलंबित डीपीआरओ की जमानत का विरोध करने के लिए विजिलेंस टीम पर्याप्त साक्ष्य जुटाने आई थी। कार्यालय द्वारा प्राप्त सभी जानकारियों को टीम न्यायालय के सामने प्रस्तुत करेगी।
आज होगी निलंबित डीपीआरओ की जमानत पर सुनवाई : निलंबित डीपीआरओ किरन चौधरी की जमानत पर मंगलवार को भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय मेरठ में सुनवाई होगी। विजिलेंस आगरा की टीम भी जमानत पर सुनवाई के दौरान न्यायालय में उपस्थित रहेगी। एसपी विजिलेंस आगरा आलोक शर्मा ने बताया कि जांच टीम जमानत का विरोध करेगी। अगर निलंबित डीपीआरओ को जमानत मिलती है तो जांच प्रभावित हो सकती है। जांच संबंधी साक्ष्य के साथ भी छेड़छाड़ की आशंका बढ़ जाएगी।