कानपुर। गूगल मैप से खराब रास्तों, संकरी गलियां और अधूरे पुलों तक पहुंचने से होने वाले हादसे रोकने की कोशिश जारी है। एनएचएआई ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) की मदद से एक सर्वे शुरू किया है।
आईआईटी के साथ मिलकर एनएचएआई देश के प्रमुख हाईवे पर 25 हजार किमी सर्वे कर रहा है। इन सड़कों पर संकेतकों का डाटा एकत्र किया जाएगा। यह डाटा एआई की मदद से सटीक पहचान के साथ वर्गीकृत किया जाएगा। सर्वे में दिल्ली से प्रयागराज वाया कानपुर नेशनल हाईवे को भी शामिल किया गया है।
एआई से डाटा प्रोसेसिंग में मिलेगी मदद: एनएचएआई ने डाटा प्रोसेसिंग को एआई की मदद ली है। 25 हजार किमी में प्रमुख नेशनल हाईवे से मिले संकेतकों, स्थिति, क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और संकेतकों का डाटा संसाधित, वर्गीकरण किया जाएगा।
संकेतकों की सटीक जानकारी मिलेगी
डाटा एआई के जरिये गूगल पर भी जाएगा और देश भर में रूट पर पड़ने वाले संबंधित संकेतकों की सटीक जानकारी देगा। इसकी मदद से हाईवे पर अधिकतम गति और कॉशन गति की जानकारी भी मिलेगी। इससे सड़क सुरक्षा बढ़ेगी और हादसे कम होंगे।
एनएचएआई ने एआई और जीआईएस की क्षमताओं का भरपूर इस्तेमाल को नवाचार पर जोर दिया है। सर्वे के लिए आईआईटी दिल्ली से एनएचएआई के बीच समझौता हुआ है। - संजीव शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी, एनएचएआई