‘एआई के गलत उपयोग पर रोक जरूरी’
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के अनैतिक उपयोग को रोकने व आधुनिक प्रौद्योगिकी को प्रभावी से लागू करने के लिए एक मजबूत नियामक ढांचा बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, नियामक ढांचा ऐसा होना चाहिए जो कानूनी और नीतिगत सहायता प्रदान करता हो।
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में आयोजित एक समारोह में उन्होंने कहा, कॉपीराइट व एआई अनिश्चित भविष्य के चौराहे पर है। हम कॉपीराइट को विनियमित कर अपने लाभ के लिए या तो नैतिक रूप से एआई का उपयोग कर सकते हैं या कॉपीराइट का उल्लंघन कर अनैतिक तरीकों का उपयोग कर सकते हैं। एआई या तो रचनात्मकता को बढ़ा सकता है या यह वास्तविक नवप्रवर्तकों के लेखन और उनके अधिकारों को बाधित कर सकता है।
गोयल ने कहा, सरकार आधुनिक प्रौद्योगिकी के अनुरूप नियमों में बदलाव करने के उदेश्य से सुझाव के लिए विशेषज्ञों और युवाओं से जुड़ने की योजना बना रही है। इसके लिए सरकार ने बजट में 50 हजार अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) की घोषणा की गई है। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन फंड में 20 हजार करोड़ की घोषणा की गई है। नवाचार को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप और उद्यमियों के लिए फंड ऑफ फंड के लिए 10 हजार करोड़ का ऐलान किया है। सरकार का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय संपत्ति अधिकार पर आयोजित मूट कोर्ट प्रतियोगिता के लिए चुने गए छात्रों को पेटेंट, डिजाइन और ट्रेड मार्क्स महानियंत्रक कार्यालय द्वारा प्रायोजित किया जाएगा।