स्थलीय निरीक्षण में मिली विद्यालयों में मिली खामियाँ, सभी BEO को डीएम ने दिए यह निर्देश

 

समस्त, खण्ड शिक्षा अधिकारी


जनपद-मेरठ।


जिलाधिकारी, मेरठ के द्वारा दिनांक 03.02.2025 पी०एम० श्री कम्पोजिट विद्यालय राली चौहान का स्थलीय निरीक्षण किया गया। पर्याप्त शिक्षकों के कार्यरत रहने के उपरान्त भी शैक्षिक स्तर अत्यंत निम्न पाया गया है। बालकों द्वारा सामान्य प्रश्नों का भी उत्तर नही दिया जा रहा था। विद्यालय का शैक्षिक स्तर असंतोषजनक पाया गया; जिस पर जिलाधिकारी महोदय द्वारा अप्रसंन्नता व्यक्त की। बच्चों का सामान्य ज्ञान स्तर एवं विषय ज्ञान स्तर न तो आयु संगत है ओर न ही कक्षा संगत है। प्रधानाध्यापक द्वारा शिक्षकों के मध्य स्पष्ट कार्य विभाजन और शैक्षिक दायित्वो का आवंटन नहीं किया गया। समय सारिणी अधुनान्त नहीं की गयी है। इस पर जिलाधिकारी महोदय द्वारा विद्यालयो में शैक्षिक गुणवत्ता सुनिश्चयन एवं सामान्य ज्ञान अभिवृद्धि हेतु निर्देश प्रदान किये गये।


बच्चों को परिवेश के संबंध में सामान्य ज्ञान होना अनिवार्य है। इस हेतु प्रार्थना सभा में बच्चों को सामान्य ज्ञान की जानकारी प्रदान की जाये। सामान्य ज्ञान बालको के आयु एवं कक्षा के अनुरूप हो। बच्चों को अपने स्थान, ग्राम, विकास खण्ड, तहसील, जनपद, प्रदेश एवं देश के संबंध में सामान्य परिचय नितांत आवश्यक है; जो उसके भविष्य निर्माण में सम्बल प्रदान करता है। अतः विद्यालयों में प्रार्थना सभा एवं समय उपलब्धता के आधार पर सामान्य ज्ञान का निरंतर अभ्यास कराया जाये।


विदित हो कि उ०प्र० निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियमावली 2011 की धारा 19 में अध्यापकों के कार्य एवं दायित्व निर्धारित किये गये है। उ०प्र० बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 (यथासंशोधित) की धारा 27 में स्पष्ट प्रावधान है कि किसी अध्यापक को विद्यालय में नियमितता बनाये रखने और समय से उपस्थित, नियमित अध्यापन, विद्यार्थियो के लेखन कार्य का नियमित शुद्धिकरण, तथा विनिर्दिष्ट समय के भीतर सम्पूर्ण पाठ्यक्रम पूर्ण करना प्रावधानित है। अतः विद्यालयों में पठन-पाठन उपर्युक्त के आलोक में कराना सुनिश्चित किया जाये।


जिलाधिकारी, महोदय द्वारा निर्देशित किया गया है कि विद्यालय विकास हेतु समुदाय का सहयोग अनिवार्य है। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त अन्य विभागों से उचित समन्वय एवं सामजस्य स्थापित कर विद्यालय के भौतिक परिवेश एवं अवस्थाना सुविधाओं का विकास किया जाना सुनिश्चित करें।


जिन विद्यालयों में विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चे (CWSN) पंजीकृत है, वहां पर विशेष शिक्षक अपने निर्धारित कार्यक्रमानुसार उपस्थित होकर उनकी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाये। विशेष शिक्षकों के प्रस्तावित एवं वास्तविक यात्रा कार्यक्रमों की गहन परीक्षा करते हुये सुधारात्मक कार्यवाही की जाये।