जालंधर। पिछले वर्ष अमेरिका में सबसे अधिक संख्या में भारतीय छात्रों ने वीजा नियमों का उल्लंघन किया और 7,000 भारतीय छात्र वीजा समाप्त होने के बावजूद अमेरिका में रुके रहे। उन्होंने न तो वर्क वीजा लिया और न ही स्टे लिया। इसमें भारी संख्या पंजाबियों की है, जो डॉलरों की चमक दमक के दीवाने हैं।
आव्रजन विशेषज्ञ जेसिका एम वॉन ने यह जानकारी दी है और कहा है कि भारत के बाद ब्राजील और चीन दूसरे स्थान पर
आते हैं। इसके बाद प्रत्येक देश के करीब 2,000 छात्रों ने अपने वीजा की समाप्ति की परवाह नहीं की और निर्धारित समय सीमा के बाद भी अमेरिका में रह रहे हैं।
अमेरिकी न्यायपालिका सदन समिति के समक्ष बोलते हुए वॉन ने चेतावनी दी कि सभी अस्थायी वीजा श्रेणियों में, एफ-1 (शैक्षणिक छात्र) और एम-1 (व्यावसायिक छात्र) वीजा श्रेणियों में निर्धारित अवधि से अधिक समय तक रुकने की दर सबसे अधिक है