इस राज्य में 60000 पदों पर निकली शिक्षक भर्ती, बिना CTET वाले ही कर सकेंगे अप्लाई

 झारखंड सरकार ने 60,000 शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की, क्षेत्रीय भाषाओं पर विशेष ध्यान

झारखंड सरकार ने राज्यभर के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए एक बड़े पैमाने पर 60,000 शिक्षकों की नियुक्ति करने का फैसला किया है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री रामदास सोरेन ने इस भर्ती अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि यह प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। उन्होंने यह घोषणा गोलमुरी में आयोजित उटकल समाज के स्थापना दिवस के मौके पर की।




चरणबद्ध तरीके से होगी भर्ती

  • पहले चरण में 26,000 शिक्षकों की नियुक्ति झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (JTET) के आधार पर की जाएगी।

  • दूसरे चरण में 10,000 शिक्षकों को विशेष रूप से क्षेत्रीय भाषाओं के लिए चुना जाएगा।

  • तीसरे चरण में 25,000 से 26,000 अतिरिक्त शिक्षकों को नियुक्त किया जाएगा।

मंत्री सोरेन ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि शिक्षक भर्ती से जुड़े लंबित मामलों को तुरंत सुलझाया जाए।



जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं को मिलेगी प्राथमिकता

राज्य सरकार स्कूली शिक्षा में जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इन भाषाओं को आगामी शैक्षणिक सत्र से पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की है। इसके लिए, एक शैक्षिक अध्ययन दल पहले ही पश्चिम बंगाल का दौरा कर चुका है। आवश्यकता पड़ने पर ओडिशा के भाषा शिक्षण मॉडल का भी अध्ययन किया जाएगा।



शिक्षक-छात्र अनुपात में बदलाव

सरकार ने शिक्षक-छात्र अनुपात को बेहतर बनाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं:

  • 10 से 30 छात्रों वाली कक्षा के लिए एक शिक्षक नियुक्त किया जाएगा।

  • यदि छात्र संख्या 30 से अधिक होगी, तो दो शिक्षक रखे जाएंगे।

  • मंत्री के अनुसार, यह बदलाव क्षेत्रीय और जनजातीय भाषाओं के शिक्षकों की भर्ती को आसान बनाएगा।



सुप्रीम कोर्ट के आदेश का असर

यह घोषणा ऐसे समय आई है, जब सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सहायक शिक्षक भर्ती 2025 से जुड़े एक मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि केवल JTET-योग्य उम्मीदवार ही इन पदों के लिए पात्र होंगे। यह फैसला झारखंड हाई कोर्ट के पिछले आदेश के विपरीत है, जिसमें CTET और अन्य राज्यों के TET पास उम्मीदवारों को भी 26,001 सहायक शिक्षक पदों के लिए आवेदन की अनुमति दी गई थी।

इस बड़ी भर्ती योजना के साथ, झारखंड सरकार का लक्ष्य शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और स्थानीय भाषाओं के संरक्षण को बढ़ावा देने का है।