बजट से उम्मीद: बजट में नई व्यवस्था में टैक्स छूट सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपये करे सरकार

 

नई दिल्ली। सरकार 2025-26 के बजट में नई कर व्यवस्था में टैक्स छूट छूट सीमा को तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने पर विचार कर सकती है। करदाताओं को राहत देने के लिए कर दरों को भी कम किया जा सकता है। अर्स्ट एंड यंग (ईवाई) इंडिया ने बजट पूर्व सुझाव रिपोर्ट में कहा, सरकार को आगामी बजट में आयकरदाताओं को टैक्स के मोर्चे पर राहत देने पर ध्यान देना चाहिए। 2023-24 तक 31 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का 9.6 फीसदी) के आयकर विवाद को भी सुलझाने की कोशिश होनी चाहिए।

ईवाई इंडिया ने बुधवार को अपने सुझाव में कहा, अनुपालन बोझ कम करने के लिए निकासी चरण तक पीएफ व्याज दर (2.5 लाख से ऊपर) पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) को स्थगित करना चाहिए। पिछले बजट में टीडीएस दर को कुछ हद तक तर्कसंगत बनाया गया था। टीडीएस दर संरचना को कम दरों के साथ तीन-चार श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रत्यक्ष कर संहिता की पूर्ण समीक्षा में समय लग सकता है। व्यक्तिगत आयकर में कमी की भी उम्मीद है। विशेष रूप से निम्न आय


समूहों को राहत देने और मांग को बढ़ाने के लिए फैसला किया जा सकता है। कर्मचारी स्टॉक ऑप्शन प्लान (ईसॉप) कर स्थगन लाभ को सभी नियोक्ताओं तक बढ़ाने और विक्री स्तर पर कर भुगतान की मंजूरी देनी चाहिए। 


कर प्रणाली सरल बनाने व मुकदमे घटाने की जरूरत


इंवाई ने कहा, अर्थव्यवस्था में मांग एवं खपत बढ़ाने के लिए कर प्रणाली को सरल बनाने और करदाता सेवाओं में सुधार बहुत जरूरी है। मुकदमेबाजी को कम करने और कर अनुपालन को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण सुधारों की जरूरत है। लंबित कर विवादों को कम करने और आगे के विवादों से बचने के लिए प्राथमिकता के आधार पर उपाय करने चाहिए। इसके लिए वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र को मजबूत करने की तत्काल जरूरत है। सुरक्षित बंदरगाह जैसे अन्य विवाद निवारण विकल्पों को और अधिक आकर्षक बनाया जाना चाहिए.

मकान किराया भत्ता में मिले 50 फीसदी छूट


रिपोर्ट में सुझाया गया है कि हैदराबाद, पुणे, बंगलूरू और अहमदाबाद जैसे शहरों में मकान किराया भत्ता (एचआरए) में 50 फीसदी की छूट दी जानी चाहिए। इससे कर में समानता मिलेगी। फिलहाल चार मेट्रो शहरों में ही एचआरए पर 50 फीसदी छूट मिलती है। बजट में क्रिप्टोकरेंसी के कराधान के लिए स्पष्टता भी आने की उम्मीद है।



खर्च और निवेश बढ़ाने पर भी देना होगा जोर


बजट में सरकारी खर्च बढ़ाने, राजकोषीय घाटे को कम करने, निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करने और लक्षित कर सुधारों पर जोर रह सकता है। राजकोषीय घाटे को 4.5 फीसदी तक लाना भी प्राथमिकता होगी।