खुशी की लहर : आठवें वेतन आयोग की मुराद पूरी, पुरानी पेंशन बहाली जरूरी



लखनऊ ,  केंद्र व राज्य कर्मचारी संगठनों के दबाव में केंद्र सरकार ने गुरुवार को आठवें वेतन के गठन की मंजूरी दे दी। इससे केंद्र व राज्य कर्मियों का वेतन बढ़ने के साथ कई सुविधाएं भी बढ़ेंगी। आठवें वेतन की मंजूरी मिलने के बाद केंद्र व राज्य कर्मचारियों के जुड़े संगठनों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।



राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिपादक अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि सातवें वेतन आयोग का गठन 2014 में हुआ था, जोकि 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रही है। ऐसे में एक जनवरी 2026 से आठवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू होगी। एनजेसीए के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवगोपाल मिश्रा और प्रदेश के संगठनों की ओर से आठवें वेतन के गठन की लगातार मांग होती रही है।


उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला कोषाध्यक्ष हरिशंकर राठौर ने कहा कि 8 वें वेतन आयोग का गठन से विकसित भारत की संकल्पना के मद्देनजर सराहनीय है। प्रतिपादक अध्यक्ष हरीकिशोर तिवारी और महामंत्री शिव बरन सिंह यादव, कार्यवाहक अध्यक्ष एनडी द्विवेदी, अपर महामंत्री डॉ. नरेश ने फैसले का स्वागत किया।

जवाहर भवन, इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ गदगद


केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 8 वें वेतन आयोग के गठन की मंजूरी पर जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ गदगद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए महासंघ के अध्यक्ष सतीश कुमार पांडेय और महामंत्री राम कुमार धानुक ने कहा कि कर्मचारियों ने 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग एक लंबे समय से कर रहे थे। जिसे सरकार ने स्वीकार किया गया है। इससे लाखों कर्मचारियों में खुशी की लहर है।


 आंदोलन के दबाव में जरूरी कदम लांबा


ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने आठवें सेंट्रल पे कमीशन के गठन की घोषणा को कर्मचारियों के बढ़ते आक्रोश एवं आंदोलन के दबाव में देरी से उठाया गया आवश्यक कदम बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार शीघ्र अधिसूचना जारी करें, सिफारिशें देने के लिए समयबद्ध करें।