पांच लाख आउटसोर्स कर्मचारियों को शोषण से निजात 20 हजार होगा न्यूनतम वेतन, जल्द जारी होगी नियमावली

 


लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पांच लाख से अधिक आउट सोर्सिंग कर्मचारियों को शोषण निजात मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही उनका न्यूनतम वेतन भी तय किए जाने को लेकर सहमति बनी है। शासन स्तर से जल्द ही इस संबंध में विस्तृत नियमावली जारी कर दी जाएगी। वह रविवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के डीपीए सभागार में आयोजित कर्मचारी सम्मेलन में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।



उन्होंने बताया कि इस संबंध में संगठन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात इन कर्मचारियों की पीड़ा रखी थी। इसके साथ ही इनके हित में नियमावली बनाए जाने को लेकर प्रस्ताव भी दिया था। जिसका असर ये रहा कि मुख्यमंत्री ने स्वयं इस संबंध में जल्द ही नीति निर्गत करने का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश निजीकरण के बढ़ते दंश को लेकर वह और समस्त संगठन आहत है। ऐसे में कर्मचारियों के हित प्रभावित होंगे। अगर

कर्मचारियों की ओर से आवाज उठती है, तो संगठन उनके साथ कंधा मिलाकर खड़ा होगा। जेएन तिवारी ने बताया कि उनके संगठन का ही प्रयास रहा कि प्रदेश के 2500 कर्मचारियों को नियमितीकरण के साथ ही सातवें वेतन आयोग का लाभ दिलाया जा सका है। अब आउटकर्मचारियों के खिलाफ संगठन को पूरी ताकत से खड़ा होना है। जिससे उनके लिए एक बेहतर कार्यस्थल और कर्मचारी हितों का निमार्ण किया जा सके। प्रेसवार्ता में महामंत्री अरुणा शुक्ला, कार्यवाहक अध्यक्ष निरंजन कुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नारायण जी दुबे, बृज भूषण मिश्र, रिंकू राय व अन्य उपस्थित पदाधिकारी रहे.



मार्च में होगा वृहद सम्मेलन : जेएन तिवारी ने बताया

कि कर्मचारियों के लिए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद मार्च में एक वृहद सम्मेलन करेगी। इसमें पूरे राज्य से कर्मचारियों को आमंत्रित किया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अध्यक्षता करते हुए कर्मचारियों की समस्याओं को सुनेंगे और उनका निराकरण करवाएंगें।