छह बीईओ समेत 150 विद्यालय के शिक्षकों का रोका वेतन

 

ज्ञानपुर। कड़ाके की ठंड के बाद भी बच्चों की डीबीटी को लेकर लापरवाही बरतने पर सख्ती शुरू हो गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने छह खंड शिक्षा अधिकारियों संग 150 विद्यालय के शिक्षकों का वेतन रोक दिया है। स्पष्टीकरण देने तक किसी का वेतन बहाल नहीं किया जाएगा। हर ब्लॉक में 25 से 30 विद्यालय ऐसे हैं जिनकी आधार सीडिंग लंबित है।


जिले में कुल 885 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। इसमें एक लाख 47 हजार बच्चे अध्ययनरत हैं। बच्चों के यूनिफार्म, बैग, जूता, मोजा और स्वेटर के लिए सरकार हर साल 1200 रुपये प्रति छात्र देती है। अप्रैल में नया शिक्षा सत्र होने के बाद ही आधार सीडिंग पूर्ण होने पर यह धनराशि चरणवार तरीके से भेजी जाती है।


अब तक एक लाख 40 हजार से अधिक बच्चों को यह रकम मिल गई है, लेकिन शिक्षकों की उदासीनता के कारण बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को यह पैसा नहीं मिल सका। इससे वह या तो पुराने स्वेटर पहनकर विद्यालय आते हैं या बिना स्वेटर को आने के लिए विवश होते हैं। स्कूल महानिदेशक की सख्त हिदायत के बाद विभागीय स्तर से भी कड़ाई शुरू कर दी गई।


बीएसए ने मामले में उदासीन रहने पर खंड शिक्षा अधिकारी ज्ञानपुर, सुरियावां, भदोही, औराई, अभोली और डीघ का वेतन रोक दिया। विभागीय कार्रवाई के बाद

खंड शिक्षा अधिकारियों ने भी लापरवाही बरतने वाले 150 विद्यालय के सभी शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दिया है। भदोही ब्लॉक में 27, सुरियावां में 30, औराई में 35, अभोली में 20, ज्ञानपुर में 28, डीघ में 32 विद्यालय ऐसे हैं जहां के बच्चों की शत प्रतिशत डीबीटी नहीं हो सकी है।


सभी को अल्टीमेटम दिया गया है कि जब तक वह काम पूर्ण कर स्पष्टीकरण नहीं देंगे तब तक वेतन बहाल नहीं किया जाएगा।



डीबीटी की आधार सीडिंग न होने से बच्चों को यूनिफॉर्म और स्वेटर का पैसा नहीं मिल सका है। इसको लेकर छह बीईओ और 150 से अधिक विद्यालय के शिक्षकों का वेतन रोका गया है। स्पष्टीकरण देने पर वेतन बहाल किया जाएगा। - भूपेंद्र नाराण सिंह, बीएसए