NIOS : नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिंग (एनआइओएस) से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) पास भी प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए मान्य होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के अभ्यर्थियों के मामले में सुनवाई के बाद यह निर्णय दिया है। इस निर्णय से प्रदेश के 750 से अधिक युवाओं को लाभ मिलेगा।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी याचिका
बकेनिया गदरपुर (ऊधम सिंह नगर) निवासी विश्वनाथ शाह व अन्य ने उत्तराखंड में प्राथमिक शिक्षा में एनआइओएस सर्टिफिकेट को मान्यता नहीं देने के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में प्राथमिक शिक्षक भर्ती में उन्हें भी मौका दिए जाने की गुहार लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण व हाई कोर्ट कर्नाटक के पूर्व जस्टिस डीएस रेड्डी ने एनआइओएस के डीएलएड सर्टिफिकेट को संवैधानिक बता पक्ष रखा।
ये भी पढ़ें - परिषदीय विद्यालयों में भी हर महीने कराया जाएगा टेस्ट
ये भी पढ़ें - टेंशन में कारण छोड़ा था घर...लापता शिक्षक आगरा में मिला
ये भी पढ़ें - नौ साल से प्रमोशन नहीं हुए,पहले वाले भी होने लगे निरस्त, हाई कोर्ट के निर्देश पर तीन जिलों में प्रमोशन किये गए निरस्त
जस्टिस बीआर गवई व प्रशांत मिश्रा की पीठ ने डीएलएड को वैध माना। साथ ही किसी भी सरकारी नियुक्ति में आवेदन व प्रमोशन के लिए पात्र भी माना है। उत्तराखंड में एनआइओएस से डीएलएड उत्तीर्ण 750 से अधिक अभ्यर्थी हैं, जिन्होंने वर्तमान में यूटेट भी पास किया है। ये 2020 से प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।