ग्रेटर नोएडा , बेसिक शिक्षा विभाग में चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) को पास कराने के लिए शिक्षकों को पैसे देने पड़ रहे हैं। शिक्षिका का आरोप है कि पैसे नहीं देने पर सीसीएल को अस्वीकृत कर दिया जा रहा है। जबकि दूसरी शिक्षिकाओं को सीसीएल दे दिया जा रहा है।
शिक्षिका ने पत्र में लिखा है कि उनका बच्चा बीमार था। सीसीएल लेते समय मेडिकल के दस्तावेज भी लगाए गए, लेकिन अपरिहार्य विभागीय कार्य लिखकर सीसीएल को अस्वीकृत कर दिया गया। जबकि अन्य शिक्षिकाओं के सीसीएल स्वीकृत कर दिए गए। शिक्षिका ने 22 अक्टूबर और 4 नवंबर को दो बार सीसीएल के लिए आवेदन किया था। इन्हीं तारीख पर अन्य शिक्षिकाओं के सीसीएल को स्वीकृत कर दिया गया।
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शिक्षिका का आरोप है कि संबंध देखकर और पैसे लेकर सीसीएल को पास किया जा रहा है। 22 अक्तूबर से लगातार सीसीएल को पास कराने के नाम पर इस तरह का खेल हो रहा है। शिक्षिका ने एक कर्मचारी पर भी कई आरोप लगाए हैं।
शिक्षिका ने पत्र में लिखा है कि उनके स्कूल में सात शिक्षक होने के बाद भी सीसीएल को अस्वीकृत कर दिया गया। जबकि एक स्कूल में 4 शिक्षकों में से 2 के सीसीएल को स्वीकृत कर दिया गया। उनका आरोप है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से शिक्षकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। इस भेदभाव से ही भ्रष्टाचार साफ उजागर हो रहा है। उन्होंने गुहार लगाई है कि संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए,जिससे सीसीएल लेने के लिए किसी को पैसे नहीं देने पड़े।
हाल ही में भी एक ऑडियो हुआ था वायरल
हाल ही में बिसरख ब्लॉक की एक शिक्षिका से सीसीएल को पास कराने के लिए 5 हजार रुपये मांगे गए थे। ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विभाग की पोल खुल गई थी। अमर उजाला ने इसकी खबर भी प्रकाशित की थी। शिक्षक संघ के नेताओं ने संबंधित दोषी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। संबंधित का ब्लॉक बदल दिया गया था। अब एक बार फिर से एक शिक्षिका का पत्र सामने आया है।
अभी कोई शिकायत नहीं मिली है। यदि कोई शिकायत मिलती है तो मामले की जांच कराकर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - राहुल पंवार,बेसिक शिक्षा अधिकारी