नई दिल्ली। शिक्षा मंत्रालय ने संविदा और अतिथि शिक्षकों के लिए अनुबंध और वेतन के मानकीकरण के लिए राष्ट्रीय ढांचे की किसी भी योजना से इन्कार कर दिया। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने लोकसभा में सोमवार को एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
कांग्रेस सांसद धर्मवीर गांधी ने पूछा कि क्या सरकार
के पास संविदा या अतिथि शिक्षकों के लिए अनुबंध
और वेतन के मानकीकरण के लिए राष्ट्रीय ढांचा
स्थापित करने की कोई योजना है, ताकि यह सुनिश्चित
हो सके कि उनके किए गए काम के लिए उन्हें समान
मुआवजा दिया जाए। केंद्रीय मंत्री मजूमदार ने ऐसे
किसी भी प्रस्ताव से इन्कार करते हुए बताया कि उच्च
शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई)
2022-23 के अनुसार, सार्वजनिक शिक्षा संस्थानों में
2.43 लाख से अधिक संविदा संकाय सदस्य और
निजी संस्थानों में 10 हजार से अधिक संविदा संकाय
सदस्य कार्यरत हैं।