लखनऊ। प्रदेश में हर साल आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षाओं में सभी छात्राओं को स्वकेंद्र सुविधा मिले या कम से कम दूरी पर परीक्षा केंद्र आवंटित करने पर सरकार विचार करेगी।
यह आश्वासन माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने बुधवार को विधान परिषद में बोर्ड परीक्षा के लिए अधिकतम केंद्र बनाने व स्वकेंद्र परीक्षा व्यवस्था लागू करने के सवाल पर दिया। नियम 105 के तहत एमएलसी डॉ. आकाश अग्रवाल व राजबहादुर चंदेल ने परीक्षा केंद्र निर्धारण में अधिकारियों की मनमानी व छात्राओं को दूर परीक्षा देने जाने में होने वाली असुविधा का मामला उठाया। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि जो विद्यालय परीक्षा केंद्र बनते हैं वहां की छात्राओं के लिए तो स्वकेंद्र व्यवस्था है।
किंतु जो विद्यालय परीक्षा केंद्र नहीं बनते हैं वहां की छात्राओं को 7 किलोमीटर दूर तक परीक्षा देने जाना पड़ता है। ऐसे में मानक पूरा करने वाले हर वित्तविहीन विद्यालय को परीक्षा केंद्र बनाया जाए। उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्र निर्धारण में
अधिकारियों के संरक्षण में मनमानी व गड़बड़ी की जाती है। राजबहादुर चंदेल ने कहा कि परीक्षा केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया में तहसील व ब्लॉक स्तर के प्रधानाचार्य व अधिकारी शामिल किए जाएं। नेता प्रतिपक्ष लालबिहारी यादव ने कहा कि 165 अंक पाने वाला आजमगढ़ का विद्यालय परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया और 90 नंबर वाला बनाया गया। उन्होंने कहा कि छात्राओं के लिए तीन-चार किलोमीटर के अंदर केंद्र की व्यवस्था हो। इस पर माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि बोर्ड परीक्षा में 50 लाख से ज्यादा छात्र शामिल होते हैं। आधारभूत सुविधाएं पूरी करने वाले विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया जाता है। परीक्षा केंद्र का निर्धारण जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली कमेटी करती है। छात्राओं के लिए भी सात किलोमीटर के अंदर ही परीक्षा केंद्र बनाए जाते हैं। हाईकोर्ट के एक आदेश का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि स्वकेंद्र प्रणाली को सही नहीं माना है। सभी वित्तविहीन विद्यालयों को परीक्षा केंद्र व स्वकेंद्र बनाना ठीक नहीं है।