नई दिल्ली, एजेंसी। आरबीआई एटीएम बूथों पर नकदी निकासी के नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। इसके तहत अब देशभर के चुनिंदा एटीएम में नकद वापसी (कैश रिट्रैक्शन) सुविधा को फिर से शुरू किया जाएगा। इसमें तय समय के भीतर ग्राहक द्वारा ग्रहण नहीं की गई नकदी को एटीएम मशीन वापस खींच लेगी। यह कदम ग्राहकों की सुरक्षा और ठगी रोकने लिए उठाया गया है।
क्या है सुविधा एटीएम में नकद वापसी ऐसी सुविधा है, जिसमें यदि ग्राहक निर्धारित समय के भीतर कैश ट्रे नकदी नहीं उठाता है, तो मशीन उस नकदी को वापस खींच लेती है। पहले इस सुविधा का दुरुपयोग किया गया था, जहां जालसाज आंशिक राशि उठा लेते थे लेकिन मशीन लॉग में पूरी राशि की निकासी का रिकॉर्ड दर्ज होता था। इससे बैंकों को भारी चपत लग रही थी। इस कारण आरबीआई ने वर्ष 2012 में इस सुविधा को बंद कर दिया था।
जालसाजी का नया तरीका हालांकि, इसके बाद जालसाजों ने एटीएम बूथ पर धोखाधड़ी करने के लिए नया तरीका निकाल लिया। वे एटीएम की कैश-ट्रे के आगे नकली कवर लगाकर उसे बंद कर देते हैं, जिससे मशीन से निकली नकदी फंस जाती है और ग्राहक को दिखती नहीं है। उसे लगता है कि लेनदेन असफल हो गया है और वह चला जाता है। इसके बाद जालसाज वहां पहुंचकर नकली कवर को हटा देते हैं और नकदी निकाल लेते हैं।
इससे निपटने के लिए आरबीआई ने अधिक तकनीकी सुरक्षा के साथ नकद वापसी व्यवस्था को लागू करने के निर्देश बैंकों को दिए हैं।
सबसे पहले यहां लागू होगी सुविधा
बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे उन एटीएम में इस सुविधा को फिर से सक्रिय करें, जहां इस प्रकार की धोखाधड़ी की संभावना अधिक है। इसके लिए इस तकनीक को लागू करने के लिए बैंकों से अपनी एटीएम मशीनों को अपग्रेड करने के लिए भी कहा गया है।
ग्राहकों के धन की होगी सुरक्षा
यह तकनीक विशेष रूप से उन मामलों में कारगर होगी जहां ग्राहक गलती से पैसे निकालना भूल जाते हैं या किसी कारणवश पैसे नहीं ले पाते। साथ ही, यदि कोई धोखेबाज किसी अन्य ग्राहक के पैसे लेने की कोशिश करता है, तो यह तकनीक उसे भी रोकने में मददगार होगी।