गोंडा, परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक व दो के बच्चों के शैक्षिक स्तर का आकलन जिले के डीएलएड प्रशिक्षु करेंगे। निपुण लक्ष्य एप पर किए जाने वाले मूल्यांकन के परिणाम का डाटा तैयार किया जाएगा और इसे स्कूल के शिक्षकों के साथ साझा किया जाएगा। मूल्यांकन की रिपोर्ट बीएसए व डायट प्राचार्य को भी भेजी जाएगी। 75 प्रतिशत अंक पाने वाले बच्चे को निपुण विद्यार्थी घोषित किया जायेगा। शैक्षिक आकलन के लिए 182 डीएलएड प्रशिक्षुओं को जिम्मेदारी दी गयी है।
निपुण भारत मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कई प्रकार की शैक्षिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने वर्ष 2025-26 तक "निपुण लक्ष्य"
प्राप्त किए जाने का लक्ष्य रखा है। निपुण भारत मिशन के अंतर्गत कक्षा एक से तीन में अध्ययनरत विद्यार्थियों के अधिगम स्तर को बेहतर बनाने व उस कक्षा के अनुरूप स्तर पर लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। कक्षा एक से तीन के पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षकों के प्रयोग के लिए गणित व हिन्दी की आधारशिला क्रियान्वयन बुकलेट विकसित कर शिक्षकों को उपलब्ध कराई गई है, ताकि कक्षा एक से तीन में विद्यार्थियों की फाउण्डेशनल लर्निंग को सुदृढ़ किया जा सके। इस बुकलेट में प्रिंटिंग सामग्री, गणित
किट आदि के प्रयोग पर समझ व कौशल विकसित करने के उद्देश्य से शिक्षकों को प्रशिक्षित भी किया गया है। स्कूलों में बच्चों ने निपुण लक्ष्य को कितना हासिल किया है अब इसके मूल्यांकन की तैयारी की गयी है। मूल्यांकन की जिम्मेदारी डीएलएड प्रशिक्षुओं को सौंपी गई है। डीएलएड प्रशिक्षु कक्षा एक व दो के बच्चों का रैण्डम आधार पर
मूल्यांकन करेंगे। शैक्षिक आकलन के लिए जिले के 182 स्कूलों को चिन्हित किया गया है। प्रत्येक प्रशिक्षु को एक स्कूल का आकलन करना है।
75 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले कहलायेंगे निपुण विद्यार्थी
कक्षा एक व दो में अध्ययनरत ऐसे विद्यार्थी, जो अपनी कक्षा के हिन्दी व गणित विषय में 75 प्रतिशत अंक हासिल कर लेंगे वह निपुण विद्यार्थी कहलायेंगे। ऐसे बच्चों को विद्यालय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। इससे विद्यालय व जन समुदाय में सकारात्मक वातावरण का सृजन होगा, जिससे अन्य बच्चे भी प्रेरित एवं प्रोत्साहित होंगे। प्रत्येक माह एसएमसी की बैठक में निपुण सम्मान समारोह आयोजित किया जायेगा।