विधान परिषद में अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में शेष बचे 900 तदर्थ शिक्षकों के नियमितीकरण को लेकर बृहस्पतिवार को तीखी तकरार हुई।
निर्दल समूह के साथ ही अन्य विधायकों ने भी इन शिक्षकों के नियमितीकरण व वेतन दिए जाने की मांग उठाई। यह मामला एमएलसी डॉ. आकाश अग्रवाल, राजबहादुर सिंह चंदेल व ध्रुव त्रिपाठी ने उठाया। इसके जवाब में माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने कहा कि तदर्थ शिक्षकों को सेवा में रखने व वेतन देने का दायित्व प्रबंधतंत्र का है।
अर्हता पूरी करने वाले शिक्षकों का समायोजन किया गया है और अर्हता पूरी न करने वालों के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल की गई थी। इससे असंतुष्ट ध्रुव त्रिपाठी ने अधिष्ठाता से निर्देश देने की मांग की। एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने इन शिक्षकों के नियमितीकरण के लिए कैबिनेट को प्रस्ताव भेजने की मांग की। इस पर मंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षा, सुरक्षा व चिकित्सा के प्रति गंभीर है। पिछली सरकारों में शिक्षकों की क्या स्थिति थी सभी जानते हैं। मैं जो भी कह रही हूं, प्रमाण पर बात कर रही हूं। मामला बढ़ता देख नेता सदन केशव मौर्य ने इस मामले में बैठक कर रास्ता निकालने का आश्वासन दिया।