नई दिल्ली, । कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की सिफारिश पर केंद्र सरकार माफी योजना लेकर आएगा। शनिवार को दिल्ली में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में आयोजित ईपीएफओ सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) की बैठक में यह फैसला लिया गया।
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इसके साथ ही, कर्मचारी को अंतिम भुगतान (सेटलमेंट) करते वक्त पूरे महीने का ब्याज दिया जाएगा। अभी तक महीने की 24 तारीख तक के दावों का निस्तारण करते वक्त बीते महीने तक का ब्याज दिया जाता है। अब ईपीएफ योजना-1952 के पैराग्राफ 60(2)(बी) में संशोधन को मंजूरी दे दी है।
पंजीकरण न करने वाली कंपनियां जुड़ेंगी बोर्ड ने केंद्र सरकार से माफी योजना सिफारिश करने की मंजूरी दी है। इससे ऐसी कंपनियों एवं फर्मों को ईपीएफओ से जोड़ा जाएगा जो किसी कारण से समय पर अंशदान नहीं कर पाईं या फिर ईपीएफओ से जुड़ने मानकों के चलते अपना पंजीकरण नहीं करा पाई। मंजूरी के बाद ऐसी कंपनियों एवं फर्मों के लिए योजना से जुड़ा मसौदा तैयार किया जाएगा। बिना किसी जुर्माने के कुछ शुल्क के साथ उन्हें ईपीएफओ से जोड़ा जाएगा। इससे लाखों कर्मचारी ईपीएफओ से जुड़े पाएंगे।
धनराशि के निवेश पर चर्चाबैठक में ईपीएफओ खाते में अंशदान के तौर पर मिलने वाले धनराशि को सुरक्षित तरीके से निवेश किए जाने पर भी चर्चा हुई, जिसके बाद ईपीएफओ में जमा धनराशि को सीपीएसई और भारत-22 (ईटीएफ) में निवेश की नीति को मंजूरी दी।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा
1. ईपीएफओ से जुड़ी सुविधाओं को बेहतर करने के लिए सिस्टम को तकनीकी तौर पर अपडेट करने का काम समयबद्ध तरीके से पूरा होगा
2. केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस)का पहला चरण पूरा हुआ। दूसरे चरण में नवंबर में 20 अतिरिक्त क्षेत्रीय कार्यालयों में 8.3 लाख पेंशनभोगियों को 195 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
3. 1 जनवरी 2025 से ईपीएफओ के 78 लाख से अधिक ईपीएस पेंशन भोगियों को सीपीपीएस के तहत पेंशन का भुगतान किया जाएगा।