लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक अभ्यर्थी की गूगल से चेक की गई इंटरमीडिएट की मार्क्सशीट को जाली करार देने का आदेश रदद कर दिया। न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल पीठ याची गीता के मार्क्सशीट को सही करार देकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद पर प्रमोशन पर गौर करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने हमीरपुर जिले की इस याची की याचिका को आंशिक रूप से मंजूर कर लिया।
याची का कहना था कि उसकी उम्मीदवारी इस आधार पर खारिज कर दी गई थी कि उसकी इंटरमीडिएट की मार्क्सशीट जाली है। याची ने उम्मीदवारी खारिज करने के आदेश को याचिका में चुनौती दी थी। उसकी अधिवक्ता अभिलाषा पांडेय ने कहा कि मामले में याची को न तो सुनवाई का अवसर दिया गया और न ही प्रतिवादियों के पास ऐसी कोई सामग्री थी जिसके आधार पर याची की उम्मीदवारी खारिज करने का आदेश पारित किया गया। इस पर कोर्ट ने सरकारी वकील को जानकारी लेकर
पेश करने का आदेश दिया था।
इस मामले में पेश किए गए मूल अभिलेख को देखने पर कोर्ट को पता चला कि इसमें ऐसी कोई सामग्री नहीं है, जो यह संकेत दे सके कि प्रतिवादियों ने कभी भी याची की कक्षा 12वीं की मार्क्सशीट की प्रामाणिकता की पुष्टि के लिए संबंधित शिक्षा बोर्ड से कोई पत्राचार किया था।
कोर्ट द्वारा मामले में जिला कार्यक्रम अधिकारी, हमीरपुर से पूछे गए प्रश्न पर यह बताया गया कि याची का नाम गूगल पर खोजा गया था। उसकी इंटरमीडिएट की मार्क्सशीट से संबंधित कोई परिणाम नहीं मिल सका और केवल गूगल पर की गई खोज के आधार पर यह माना
गया कि याचिकाकर्ता की मार्क्सशीट जाली है। उधर, सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि कस्तूरबा गांधी कन्या इंटर कॉलेज भरवारी से याची 12वीं की परीक्षा में शामिल हुई थी। उसका परीक्षा में शामिल हु
इस पर कोर्ट ने कहा कि केवल गूगल पर याचिकाकर्ता का नाम डालने से यह निष्कर्ष निकाला गया कि उसकी मार्क्सशीट जाली है। जबकि संबंधित शिक्षा बोर्ड से प्राप्त जानकारी ही प्रमाण पत्र की वास्तविकता की पुष्टि करने का एकमात्र विश्वसनीय स्रोत होगी। जिस तरीके से याची के प्रमाण पत्र को जाली करार देने की बात की गई है, वह बेहद अनुचित है। इस संबंध में सरकारी आदेश का पालन नहीं किया गया है।
इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने याची की उम्मीदवारी खारिज करने का आदेश रद्द कर दिया। कोर्ट ने प्रतिवादियों को याची के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर पदोन्नति के लिए याची की उम्मीदवारी पर विचार करने और याची के प्रमाणपत्र को असली मानते हुए अग्रिम कार्यवाही करने का निर्देश दिया। संवाद