आरओ/एआरओ पर निर्णय नहीं, असमंजस बरकरार


प्रयागराज, छात्रों के दबाव में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस 2024 प्रारंभिक परीक्षा तो एक दिन में कराने का निर्णय ले लिया है, लेकिन आरओ/एआरओ 2023 प्रारंभिक परीक्षा को लेकर 20 दिन में भी कोई निर्णय नहीं हो सका है। इसके चलते अभ्यर्थियों में आरओ/एआरओ को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।



वर्तमान में सरकार और आयोग का पूरा फोकस 22 दिसंबर को पीसीएस 2024 की प्रारंभिक परीक्षा कराने पर है। ऐसे में आरओ/एआरओ के अभ्यर्थी मानकर चल रहे हैं कि इस मामले में जल्द कोई निर्णय नहीं आएगा। मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) के खिलाफ छात्रों के ऐतिहासिक आंदोलन के बाद आयोग ने 15 नवंबर को पीसीएस प्री एक दिन में कराने का निर्णय लिया था लेकिन आरओ/एआरओ के लिए वरिष्ठतम सदस्य कल्पराज सिंह की अध्यक्षता उसी दिन कमेटी गठित कर दी गई थी। 19 जून के शासनादेश में लिखा था कि पीसीएस विशिष्ट परीक्षा है इसलिए यदि आयोग चाहे तो पांच लाख से अधिक परीक्षार्थी होने पर भी इसे एक पाली में करा सकता है। 


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एक और अड़चन बस अड्डे, रेलवे स्टेशन और कोषागार से परीक्षा केंद्र की दूरी अधिकतम दस किमी की थी तो 14 नवंबर को ही शासनादेश के जरिए दूर कर लिया गया था। लेकिन शासनादेश में आरओ/एआरओ के संबंध में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी। इसलिए आरओ/एआरओ को एक दिन में कराने की मांग पर विचार करने के लिए कमेटी गठित कर दी गई थी।