लखनऊ,। प्राइमरी स्कूलों की अद्धवार्षिक परीक्षाएं सोमवार से शुरू हो रही हैं। बीएसए कार्यालय ने प्रश्न पत्र नहीं छपवाएं हैं। बल्कि हाथ से लिखे कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों के प्रश्न पत्र की पीडीएफ बनाकर बीईओ के माध्यम से स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को भेजी है। प्रधानाध्यापक इस दुविधा में हैं कि पीडीएफ से प्रश्न पत्र की फोटो कॉपी कराएं या फिर ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न लिखकर परीक्षा कराएं। फोटो कॉपी का बजट भी नहीं है। इससे प्रधानाध्यापक और शिक्षकों में भारी आक्रोश है।
लखनऊ के 1618 प्राइमरी स्कूलों के करीब पौने दो लाख बच्चों की अद्धवार्षिक परीक्षायें 23 से 28 दिसंबर तक होनी हैं। हाथ से लिखे प्रश्न पत्रों की पीडीएफ 20 दिसम्बर को बीएसए कार्यालय से नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र के बीईओ को भेजी गई है। बीईओ ने इस पीडीएफ को स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को भेजा है। सभी को निर्देश दिये हैं कि पीडीएफ में उपलबध प्रश्न पत्रों से परीक्षा कराएं। प्रधानाध्यापकों का कहना है कि हर प्रश्न पत्र में दो से तीन पेज हैं।
दोनों पालियों के प्रश्न पत्र की फोटो कॉपी में रोज 300 खर्च आएगा। भुगतान प्रधानाध्यापकों को करना होगा या ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न पत्र में दिये गए प्रश्नों को लिखकर परीक्षा कराएं.
बीईओ ने व्हाट्सऐप पर प्रश्न पत्र वायरल किए
शहर के एक बीईओ ने 20 दिसम्बर को शिक्षकों के बने व्हाट्सऐप ग्रुप पर अर्द्धवाषिक परीक्षा के प्रश्न पत्रों की पीडीएफ को वायरल कर दिया। इससे ग्रुप पर जुड़े सभी शिक्षक प्रश्न पत्रों की पीडीएफ देख हैरत में पड़ गए। कई शिक्षकों ने इसपर आपत्ति जतायी तो आनन-फानन बीईओ ने प्रश्न पत्र की पीडीएफ डिलीट कर दी। ग्रुप में जुड़े कुछ शिक्षकों ने कहा कि प्रश्न पत्र को सार्वजनिक करना घोर लापरवाही है। जबकि बीईओ को पीडीएफ स्कूलों के प्रधानाध्यापक को भेजनी थी। इस सम्बंध में बीएसए राम प्रवेश को फोन कर संपर्क किया गया, लेकिन मोबाइल नहीं उठा।