लखनऊ, प्रदेश सरकार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) वाले जिलों के श्रमिकों को एक हजार रुपये हफ्ते पोषण भत्ता देगी। तकरीबन पांच लाख पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को यह धनराशि उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से दी जाएगी। इस पर करीब 200 करोड़ खर्च किए जाएंगे। 18 नवंबर तक पंजीकृत श्रमिकों को यह भत्ता चार सप्ताह का दिया जाएगा, जिसमें से पहले दो सप्ताह के भत्ते की धनराशि श्रमिकों के खातों में भेजने का सिलसिला शुरू हो गया है।
दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र के जिलों में पिछले दिनों प्रदूषण चरम पर था। दमघोंटू प्रदूषण के चलते जहां इन जिलों के स्कूलों को बंद कर दिया गया था। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सभी प्रकार की निर्माण गतिविधियां भी रोक दी गई थीं। रोजी-रोटी का संकट न हो सो सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को इन श्रमिकों को भत्ता देने के आदेश दिए थे। हाल ही में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष वर्चुअल पेश हुए थे। कोर्ट ने जल्द भत्ता दिए जाने के आदेश दिए थे।
उसके बाद पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को पोषण भत्ता दिए जाने की कवायद तेज हो गई। बीओसीडब्ल्यू बोर्ड के आंकड़ों के हिसाब से 18 नवंबर 2024 तक 4 लाख 88 हजार 246 निर्माण श्रमिक पंजीकृत थे। इन्हीं श्रमिकों को यह धनराशि दी जानी है।
शामली 70992
गौतमबुद्धनगर 15356
पंजीकृत श्रमिक
मेरठ 142254
बुलंदशहर 42189
ब्ागपत 24553
मुजफ्फरनगर 109924
बोर्ड की सचिव ने लिखा पत्र
बीओसीडब्ल्यू बोर्ड की सचिव गजल भारद्वाज ने गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मेरठ, शामली, मुजफ्फरनगर, हापुड़ और बुलंदशहर के विकास प्राधिकरणों और औद्योगिक विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्षों को पत्र लिखा है। उनसे कहा है कि निर्माण कार्यों में पूर्व से कार्यरत श्रमिकों के पंजीकरण एवं नवीनीकरण के लिए विशेष कैंप आयोजित कराएं।
इन कैंपों के आयोजन के लिए श्रम विभाग का सहयोग लिया जा सकता है।