सहकारी बैंकों की रिक्तियों को भरने में वेतनमान का पेंच

लखनऊ। लंबी कवायद के बाद प्रदेश की 50 जिला सहकारी बैंकों में कार्मिकों की कमी दूर करने के लिए सभी रिक्त पदों को भरने का निर्णय कर लिया गया है। अब इसमें एक बड़ा पेंच है कि भर्ती प्रक्रिया में रिक्त पदों पर वेतनमान क्या होगा। क्योंकि जिला सहकारी बैंकों के वेतन में भारी असमानता है।




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पश्चिमी यूपी में गाजियाबाद जिला सहकारी बैंक के चतुर्थ श्रेणी कर्मी को जो वेतन मिलता है, उतना वेतन बलिया के जिला सहकारी बैंक के मैनेजर को मिलता है। जिला सहकारी बैंकों में वेतनमान की असमानता को दूर करने के लिए वेतन पुनरीक्षण की कवायद लंबे समय से चल रही है। वेतन पुनरीक्षण के लिए एक कमेटी बनाई गई उसकी बैठकें भी हुईं लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया जा सका है। इन विसंगतियों के बीच आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता बीएन सिंह ने साप्ताहिक हाट कल्चर (सप्ताह में एक अथवा दो दिन खुल रही शाखाओं) की छवि से जिला सरकारी बैंकों को बाहर करने के लिए रिक्त सभी 1762 पदों पर भर्ती किए जाने का आदेश कर दिया है। आदेश में उन्होंने लिखा है कि रिक्त 100 पदों पर भर्ती होने से जिला सहकारी बैंकों के व्यवसाय में वृद्धि होगी। पर्याप्त स्टाफ होने से ग्रामीण और अर्थ शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार होगा।


भर्ती आवेदन में मांगा जा सकता है जिलेवार विकल्प

सहकारी सेवा मंडल के एक पदाधिकारी ने कहा कि आवेदन के समय संबंधित जिलों के जिला सहकारी बैंकों के विकल्प लिए जा सकते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि जो भी बेहतर विकल्प होगा उसे लागू किया जाएगा। कोआपरेटिव बैंक इंप्लाइज यूनियन के महामंत्री सुधीर कुमार सिंह ने जिला सहकारी बैंकों की वेतन विसंगतियां दूर करने के लिए आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता बीएन सिंह को ज्ञापन दिया था। आयुक्त ने एमडी यूपीसीबी से वेतन पुनरीक्षण के लिए गठित कमेटी द्वारा लिए गए निर्णय से तत्काल अवगत कराने के लिए पत्र लिखा है।


कई बैंकों में 1996 के बाद से नहीं बढ़ा है वेतन

बता दें कि बलिया, सुल्तानपुर, जौनपुर, हरदोई और सीतापुर जिला सहकारी बैंक के कर्मचारी 1996 का वेतन पा रहे हैं। 1996 के बाद इनका वेतन कभी बढ़ा ही नहीं है। गोरखपुर, वाराणसी, अयोध्या, देवरिया आदि जिलों के जिला सहकारी बैंकों के कर्मचारी 2006 का वेतन पा रहे हैं। वहीं गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, लखीमपुर खीरी, उरई जिला सहकारी बैंक के कर्मचारियों का वेतन सबसे अधिक है। इन्हें 2021 में तय वेतनमान मिल रहा है।