स्कूल गए बिना ही सेलरी उठाने वाली शिक्षिका द्वारा फर्जी केस कराए जाने पर पत्रकारों ने रखा अपना पक्ष!

 मऊ जिले के शिक्षा विभाग में हुए उपस्थिति घोटाले के मामले में 6 पत्रकारों पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।



इस मामले में पत्रकारों का पक्ष आया है। पत्रकारों का कहना है कि कभी स्कूल न जाने वाली शिक्षिका ने पोल खुलने के डर से शिक्षकों को फ़र्ज़ी केस में फँसा दिया है।








पत्रकारों का कहना है कि मऊ जिले के परदहा ब्लॉक के रणवीर पुर कंपोजिट विद्यालय की शिक्षिका रागिनी मिश्रा विभाग की मिली भगत से कभी विद्यालय नहीं जाती थीं। यदि कोई अध्यापक इसके खिलाफ बोलता था तो गुणवत्ता के नाम पर उसका वेतन रोक दिया जाता था।





साक्ष्य मिलने और ग्रामीणों की शिकायत पर जब मीडिया स्कूल पहुंची तो उस दिन भी रागिनी मिश्रा विद्यालय पर नहीं थीं। मामला संज्ञान में आने पर उन्होंने दोपहर में अपना मेडिकल प्रभारी प्रधानाध्यापक के वाट्सअप नंबर भेजा। वहां के शिक्षकों और बच्चों ने भी ऑन कैमरा इस बात को स्वीकार किया था ।





परंतु बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षिका के खिलाफ कोई भी एक्शन लेने की बजाय जनपद के 6 पत्रकारों के खिलाफ उल्टा मुकदमा दर्ज करवा दिया है।



स्कूल में कोई शिक्षक इनके खिलाफ कुछ नहीं बोलता क्योंकि ये वेतन रुकवा देती है। बिना स्कूल में पढ़ाए मोटी सैलरी ले रही हैं, जब पत्रकारों ने खिलाफ खबर चलाई तो 6 पत्रकारों पर FIR करवा दिया है।