डकारा बजट: खेल किट में 'खेल' कर रहे परिषदीय स्कूलों के हेडमास्टर



प्रतापगढ़, शासन से खेल उपकरण खरीदने के लिए जिले के परिषदीय स्कूलों को बजट आवंटित कर दिया गया। इसके बावजूद किसी स्कूल में उपकरण नहीं खरीदे गए हैं। लंच टाइम में बच्चे स्कूलों का गेट पकड़कर झुलते नजर आते हैं तो कुछ बच्चे परिसर के बाहर घूमते दिख जाते हैं। शासन से मिला बजट डकारने के लिए हेडमास्टर दुकानदारों से बिल बनवाकर पोर्टल पर अपलोड कर देते हैं।


परिषदीय स्कूल के नौनिहालों को विभिन्न खेलों का अभ्यास कराने के लिए स्कूलों में खेल उपकरण खरीदने के लिए प्रत्येक वर्ष शासन से

निर्धारित धनराशि दी जाती है। इस वर्ष भी जिले के 1651 प्राथमिक स्कूलों को 5-5 हजार रुपये, 362 उच्च प्राथमिक स्कूलों को 10-10 हजार रुपये और 25 पीएमश्री स्कूलों को 50-50 रुपये की दर से एक महीने पहले बजट दे दिया गया। बावजूद इसके अभी तक परिषदीय स्कूलों में खेल उपकरण नहीं खरीदे गए हैं। नतीजा लंच के समय नौनिहाल स्कूलों का गेट पकड़कर झूलते नजर आते हैं तो कहीं परिसर के बाहर घूमते दिख जाते हैं। यही नहीं वित्तीय वर्ष के आखिरी महीने मार्च में अफसरों का दबाव बढ़ने पर

हेडमास्टर से पंजीकृत दुकानदारों से साठगांठ कर बिल बनवा लेते हैं और उसे पोर्टल पर अपलोड कर देते हैं। इसके बाद शासन से मिली धनराशि बैंक खाते से निकाल लेते हैं।

प्राथमिक में 17 और उच्च प्राथमिक में 27 उपकरण खरीदने के निर्देश

शासन से मिलने वाले बजट से प्राथमिक स्कूल में 17 खेल उपकरण और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 27 खरीदने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें फुटबॉल, बैडमिंटन, क्रिकेट, बास्केटबॉल, कैरम आदि प्रमुख हैं

 परिषदीय स्कूलों में खेल उपकरण खरीदने का का बजट भेजने के बाद सभी हेडमास्टरों को मानक के मुताबिक उपकरण खरीदने के निर्देश दिए गए हैं। खरीदे गए उपकरण का सत्यापन करने के बाद उपभोग प्रमाण पत्र सभी बीईओ से मांगा गया है।

- भूपेन्द्र सिंह, बीएसए