राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि शिक्षा प्रणाली को सीखने में सहायक की भूमिका निभानी चाहिए, न कि बाधा बनने की।
उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ तालमेल बिठाते हुए हमारे बुनियादी मूल्यों पर कायम रहना जरूरी है। यहां बानेर में लोकसेवा ई-स्कूल का उद्घाटन करने के दौरान आरएसएस प्रमुख ने ये बातें कहीं। संघ प्रमुख ने जोर दिया कि शिक्षा कोई व्यवसाय नहीं है, बल्कि अच्छे इंसान बनाने का एक व्रत है। शिक्षा प्रणाली को छात्रों को सशक्त बनाने पर ध्यान देना चाहिए। क्या करें और क्या न करें लागू करने पर नहीं होना चाहिए। छात्रों के बीच प्रयोग उनकी भावना को दबा सकते हैं।