उपर्युक्त विषयक जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन योजना का संचालन ग्राम प्रधानों के माध्यम से किया जा रहा है किये जा रहे निरीक्षणों में यह संज्ञान में आ रहा है कि बच्चों के लिये जो भोजन तैयार किया जा रहा है उसमें खुले तेल मसालों का प्रयोग किया जा रहा है जो कि बच्चों के स्वास्थ्य के दृष्टिगत किसी भी दशा में स्वीकार योग्य नहीं है। विद्यालयों में कार्यरत अध्यापकों को पर्यावेक्षण का दायित्व इसी उद्देश्य से दिया गया है कि बच्चों को उच्च गुणवत्ता का भोजन प्राप्त हो।
जिलाधिकारी महोदय द्वारा भी विकास खण्ड कुन्दरकी, मुरादाबाद एवं मूंढापाण्डे के भैसिया, रफायतपुर, साहू नगला, दलपतपुर, वीरपुर थान, नरखेड़ा, सिरसखेड़ा, कुन्दरकी, ढकिया जुम्मा, मौ० जमापुर, नैहटोरा, भीकनपुर कुलवाड़ा, चक फाजलपुर, डोमघर एवं फरीदपुर हमीर विद्यालयों का निरीक्षण किया गया था, जिसमें उन्हें खुले तेल मसालों का प्रयोग मध्यान्ह भोजन योजनान्तर्गत तैयार होने वाले बच्चों के भोजन में प्रयोग होता हुआ मिला है, साथ ही ग्राम ढकिया जुम्मा में बच्चों को जमीन में बैठाकर कागज की पत्तलों में भोजन ग्रहण कराया जबकि विद्यालय में बच्चों के खाने के लिये पर्याप्त बर्तन उपलब्ध थे। जिसपर उनके द्वारा गहरी अप्रसन्ता व्यक्त की गयी है।
यह पत्र आप सभी को इस निर्देश के साथ प्रेषित किया जा रहा है कि आप अपने स्तर से सभी प्र०अ०/३०अ० को यह सूचित कर दें कि मध्यान्ह भोजन योजनान्तर्गत बच्चों के लिये तैयार होने वाले भोजन में किसी भी दशा में खुले तेल मसालों का प्रयोग न किया जाये। केवल एगमार्क एवं FSSAI मार्क तेल मसाले ही प्रयोग में लाये जायें। यदि अध्यापक के कहने के उपरान्त भी ग्राम प्रधान द्वारा एगमार्क एवं FSSAI मार्क युक्त तेल मसाले उपलब्ध नहीं कराये जाते हैं तो संबंधित विद्यालय के प्र०अ० / इ०अ० आपके माध्यम से इस कार्यालय को अवगत करायेंगे, साथ ही बच्चों को पंक्तिवद्ध बैठाकर रसोईयों के माध्यम से विद्यालयों में उपलब्ध बर्तनों में बच्चों को मध्यान्ह भोजन ग्रहण कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। यदि उक्त निर्देशों के उपरान्त किसी भी विद्यालय में खुले तेल मसाले मध्यान्ह भोजन योजनान्तर्गत प्रयोग होते हुये पाये जाते हैं तो संबंधित विद्यालय के प्र०अ०/३०अ० के विरूद्ध पर्यावेक्षणीय दायित्वों के निवर्हन न किये जाने के कारण कठोर कार्यवाही अम्ल में लायी जायेगी।