नई दिल्ली, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने सदस्य कर्मचारियों के लिए सलाह जारी की है। संगठन का कहना है कि अगर कोई कर्मचारी पुरानी कंपनी छोड़कर नई कंपनी में जा रहा है तो वह पीएफ की रकम को समय पर नए नियोक्ता से जुड़े खाते में ट्रांसफर कर लें। इसमें विलंब होने पर ऐसे खातों पर ब्याज मिलना बंद हो सकता है।
संगठन के मुताबिक, वर्तमान में बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें कर्मचारियों ने समय पर अपना पीएफ फंड नए खाते में स्थानांतरित नहीं किया है। इसके चलते अब अंतिम भुगतान या फिर आवश्यकता होने पर पीएफ निकासी के समय ब्याज कम मिलने पर कर्मचारियों की तरफ से शिकायतें की जा रही हैं। दरअसल, नियमों के तहत ईपीएफओ सक्रिय खातों पर ही ब्याज देता है। अगर किसी खाते में तीन वर्ष तक कोई अंशदान नहीं किया गया है तो उस खाते में ब्याज देना बंद कर दिया जाता है।
नौकरी छोड़ने की तिथि को दर्ज करना जरूरी ईपीएफओ की तरफ से कहा गया है कि कर्मचारी नौकरी बदलते वक्त यह अवश्य ध्यान दें कि उनका पुराना फंड नए नियोक्ता से जुड़े ईपीएफ खाते में स्थानांतरित हो जाए। फंड स्थानांतरित किए जाने के लिए नौकरी छोड़ने की तिथि का होना जरूरी है, जो पुराने नियोक्ता की तरफ से ईपीएफओ को पोर्टल पर जाकर दर्ज की जाती है। कर्मचारी का अंतिम अंशदान जमा करने के बाद (नौकरी छोड़ने की तिथि से दो महीने बाद) नौकरी छोड़ने की तिथि को दर्ज करना जरूरी है।