प्रयागराज। प्रदेश के अलग-अलग जिलों से महाकुम्भ में ड्यूटी करने आए 1200 से अधिक पुलिसकर्मियों ने दिसंबर में छुट्टी के लिए लिए आवेदन किया है। खास बात यह कि इनमें से सात सौ से अधिक पुलिसकर्मी ऐसे हैं, जिन्होंने आवेदन पत्र में पत्नी के प्रसव या पत्नी की बीमारी को कारण बताया है। किसी की पत्नी की डिलीवरी दिसंबर में तो किसी की जनवरी में है। महाकुम्भ पुलिस लाइन और थानों को मिले आवेदन पत्र चर्चा में ही नहीं हैं, बल्कि सुरक्षा इंतजामों में जुटे आला अफसर भी इसके चलते हैरान-परेशान हैं।
महाकुम्भ में प्रदेश के लगभग सभी जिलों से पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। इनकी आमद 25 अक्तूबर से ही शुरू हो गई थी। लगभग छह हजार पुलिसकर्मी ड्यूटी के लिए आए हैं। पत्नी के प्रसव संबंधी आवेदन देने वालों में ज्यादातर 2018 और 2023 बैच के सिपाही हैं। इनमें से अधिकांश की हाल ही में शादी हुई है, और उन्हें अपनी पहली संतान का इंतजार है। गौरतलब यह कि अधिकांश आवेदनों की भाषा में भी संवेदना, समस्या की साम्यता झलकती है। एक सिपाही ने बताया कि पत्नी की डिलीवरी का समय बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए घर पर होना जरूरी है। दिसंबर में सीएम योगी आदित्यनाथ और उसके बाद हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम की वजह से छुट्टियां नहीं मिल सकीं। दिसंबर के शेष दिनों और जनवरी के पहले सप्ताह तक मेले का बड़ा आयोजन नहीं है इसलिए भी छुट्टियों के आवेदन बढ़ गए हैं।
अन्य वजहों से भी छुट्टी के आवेदन
महाकुम्भ मेला ड्यूटी के लिए करीब छह हजार जवान आ चुके हैं। जिनको आवश्यकता है उनको छुट्टी दी जा रही है। ऐसा नहीं है कि दिसंबर की वजह से लोग छुट्टी ले रहे हैं, जिसके परिवार में कोई बीमार है या जिसके घर पर किसी का देहांत हुआ है उसकी छुट्टी तत्काल स्वीकृत की जा रही है। -राजेश द्विवेदी, एसएसपी महाकुम्भ
लगभग 250 अवकाश आवेदनों में पुलिसकर्मियों ने वजह माता-पिता की बीमारी, परिवार के किसी सदस्य या नजदीकी रिश्तेदार की मौत होना बताया है और तेरहवीं सहित अन्य कर्मकांड में शामिल होने के लिए छुट्टी मांगी है। छुट्टियों की इस ताबड़तोड़ मांग के बीच वो आवेदक पिस रहे हैं, जिन्हें वाकई इनकी जरूरत है। उनके आवेदन को भी संदेह की नजरों से देखा जा रहा है।