प्रयागराज, । प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध पांच कॉलेजों ने एनसीटीई से बिना मान्यता मिले मनमाने तरीके से बीएड, डीएलएड और एमएड की डिग्री बांट रहे हैं। शिकायत मिलने पर राज्य विवि ने जब एनसीटीई से पूछताछ की तो गड़बड़ी का खुलासा हुआ।
एनसीटीई की नॉर्दर्न रीजनल कमेटी (एनआरसी) के क्षेत्रीय निदेशक सतीश कुमार ने 18 दिसंबर को राज्य विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार संजय कुमार को भेजे पत्र में साफ किया है कि केपी उच्च शिक्षा संस्थान झलवा, नंद किशोर सिंह डिग्री कॉलेज धनुहा चाका नैनी व डिग्री कॉलेज उपरदहा बरौत हंडिया में बीएड की 100-100 सीटें (दो-दो यूनिट) बढ़ाए जाने के लिए एनआरसी-एनसीटीई की ओर से कोई मान्यता आदेश जारी नहीं किया गया है। इसी तरह नंद किशोर सिंह डिग्री कॉलेज धनुहा में डीएलएड की 100 सीटें (दो यूनिट) शामिल किए जाने के लिए भी कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। वहीं, डिग्री कॉलेज उपरदहा बरौत हंडिया में एमएड की 50 सीटों (एक यूनिट) के लिए एनसीटीई ने मान्यता नहीं दी है। एनआरसी-एनसीटीई ने रजिस्ट्रार को भेजे पत्र में इन संस्थानों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की सिफारिश करने के साथ ही संबंधित पाठ्यक्रमों में इन्हें संबद्धता प्रदान न करने को कहा है। एनसीटीई ने विश्वविद्यालय से इन संस्थानों में संचालित शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों की जानकारी भी मांगी है।
एनसीटीई ने मांगे संदिग्ध संस्थानों के नाम
एनआरसी-एनसीटीई ने राज्य विश्वविद्यालय से उन संस्थानों के नाम भेजने का अनुरोध किया है, जो संदिग्ध हैं और जिनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा सकती है। रज्जू भय्या राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह का कहना है कि कुछ संस्थानों के खिलाफ शिकायत मिली थी। विश्वविद्यालय की ओर से एनआरसी-एनसीटीई को पत्र भेजकर स्थिति साफ करने का अनुरोध किया गया था। अब एनसीटीई के जवाब के आधार पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।