लखनऊ। नई पेंशन योजना पेंशनर्स के लिए हितकारी है। इसमें पेंशनर्स को ज्यादा फायदा होगा। ये बात राज्य सरकार के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कही।
वे बृहस्पतिवार को बतौर मुख्य अतिथि गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन के द्विवार्षिक महाधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति कमलेश्वर नाथ (अवकाश प्राप्त) एवं न्यायमूर्ति बदरूदुजा नवकी (अवकाश
प्राप्त) ने 80 वर्ष साल के 40 सेवानिवृत्त पेंशनर्स को स्मृति चिह्न, प्रशस्ति पत्र आदि से सम्मानित किया।
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लोक निर्माण विभाग मुख्यालय परिसर स्थित विश्वेश्वरैया प्रेक्षागृह में वित्त मंत्री ने कहा, वर्ष 2004- 05 से लागू नेशनल पेंशन योजना के तहत पेंशनर्स द्वारा 10 फीसदी कटौती के सापेक्ष सरकार की ओर से 14 फीसदी योगदान किया जाता है। कटौती की जो राशि जिस संस्था में जमा की जाती है उसमें 9.20 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, उच्च न्यायालय में
1000 से अधिक मुकदमे चल रहे। इसमें पेंशनर्स की तरफ से मांग की गई है कि राशिकरण की वसूली 11 वर्ष में पूरी हो जाती है, इसलिए 11 वर्ष बाद वसूली रोकी जाए।
राशिकरण की व्यवस्था 1941 से लागू हुई। उस समय कटौती बंद के आदेश नहीं थे। वर्ष 1982 में 15 वर्ष तक ही करने के आदेश हो गए। राशिकरण कराना पेंशनर्स की बाध्यता नहीं है। पेंशनर द्वारा राशिकरण की वसूली 15 वर्ष तक करने का अनुबंध किया जाता है, इसलिए वसूली 15 वर्ष तक ही की जाएगी।