लखनऊ: राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों व कर्मियों को देय विभिन्न अवकाशों की प्रक्रिया का सरलीकरण कर दिया गया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि अवकाश के दिनों में कार्य करने वाले सरकारी माध्यमिक विद्यालयों के कर्मियों को प्रधानाचार्य प्रतिमाह अधिकतम दो प्रतिकर अवकाश स्वीकृत कर सकेंगे।
आदेश के अनुसार अर्जित अवकाश/चिकित्सा अवकाश बाल्य देखभाल अवकाश के प्रकरण को प्रधानाचार्य आवेदन तिथि से दो कार्य दिवस के भीतर जिला विद्यालय निरीक्षक को अनिवार्य रूप से अग्रसारित करेंगे। जिला विद्यालय निरीक्षक अधिकतम तीन कार्य दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से इसे स्वीकृत करेंगे। किसी भी प्रकार के अवकाश प्रकरण के निस्तारण में स्टांप पेपर पर शपथ-पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। चिकित्सा प्रमाणपत्र प्रदान करने के लिए अधिकृत चिकित्सकों में समस्त रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर भी अनुमन्य होंगे।
बाल्य देखभाल अवकाश एक बार में सामान्यतया अधिकतम 30 दिनों के लिए दिया जाएगा। चुनाव/आपदा/जनगणना/बोर्ड परीक्षा ड्यूटी अथवा विद्यालयी परीक्षाओं की अवधि व उससे पांच दिन पूर्व की तिथियों में प्राप्त बाल्य देखभाल अवकाश के आवेदन को विद्यालय के प्रधानाचार्य जिला विद्यालय निरीक्षक को अग्रसारित कर सकेंगे और जिला विद्यालय निरीक्षक विचारोपरांत उसको निस्तारित करेंगे। इससे भिन्न अवधि के लिए प्राप्त बाल्य देखभाल अवकाश प्रकरणों (विद्यालय बंद होने की स्थिति को छोड़कर) को प्रधानाचार्य जिला विद्यालय निरीक्षक को अग्रसारित करेंगे, जिसको अनिवार्य रूप से स्वीकृत किया जाएगा। बाल्य देखभाल अवकाश एक कैलेंडर वर्ष के दौरान तीन बार से अधिक नहीं दिया जाएगा। उधर उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि अवकाश के दिनों में कार्य करने पर बेसिक शिक्षकों को भी प्रतिकर अवकाश का आदेश
जारी किया जाए।
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