तैयारी : पीएफ का पैसा ई-वॉलेट में रख सकेंगे

 कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के सदस्यों को जल्द ही अपनी क्लेम राशि का उपयोग ई-वॉलेट्स के माध्यम से करने की सुविधा मिल सकती है। श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने बुधवार को इस संबंध में जानकारी दी।



उन्होंने बताया कि संगठन पीएफ खाते से निकासी की प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में काम रहा है। वर्तमान में, ऑटो सेटलमेंट मामलों में राशि सीधे बैंक खाते में जाती है और सदस्य इसे किसी भी एटीएम से निकाल सकते हैं। अब संगठन इसकी तैयारी कर रहा है कि क्लेम राशि को सीधे ई-वॉलेट में कैसे भेजा जाए। इसके लिए नई व्यवस्था विकसित करने की दिशा में काम हो रहा है।


बैंकों से संपर्क किया डावरा ने कहा कि नई व्यवस्था को लागू करने के लिए हम बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं के साथ चर्चा शुरू कर चुके हैं और जल्द ही इस पर एक व्यावहारिक योजना तैयार करेंगे। उन्होंने बताया इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से संपर्क किया जा रहा है। यह पहल सभी सदस्यों को उनके फंड का उपयोग करने में अधिक लचीलापन प्रदान करेगी और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देगी। मार्च से सुविधा संभव बताया जा रहा है कि ईपीएफओ एटीएम से सीधे निकासी की व्यवस्था लागू करने पर भी विचार कर रहा है। मार्च 2025 तक एटीएम और ई-वॉलेट की प्रक्रिया को लागू किया जा सकता है।


पीएफ खाते से निकासी के नियम नहीं बदलेंगे ईपीएफओ से जुड़े एक अधिकारी कहते हैं कि नई व्यवस्था में सिर्फ निकासी की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। बाकी निकासी से जुड़े नियमों में कोई बदलाव नहीं होगा। मौजूदा नियमों के तहत एक कर्मचारी को एक बार में जितनी धनराशि निकासी की सुविधा मिलती है, वो ही मिल सकेगी।


ईपीएफओ ने पेंशन के लिए उच्च वेतन विकल्पों की जांच और वेतन विवरण अपलोड करने की अंतिम तारीख को 31 जनवरी 2025 तक बढ़ा दिया है। ईपीएफओ की तरफ से कहा गया है कि तमाम तिथियां बढ़ाने के बाद भी 3.1 लाख से अधिक आवेदन नियोक्ताओं के पास लंबित हैं, इसलिए इस बार अंतिम अवसर प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही, ईपीएफओ ने नियोक्ताओं से 15 जनवरी तक 4.66 लाख मामलों में जवाब प्रस्तुत करने और सूचना उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया गया है। गौरतलब है कि 11 जुलाई 2023 तक उच्च पेंशन के लिए 17.49 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 3.1 लाख से अधिक आवेदनों का सत्यापन अब भी नियोक्ताओं के पास लंबित हैं।