सरकार ने पारस्परिक स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन सामान्य स्थानांतरण के मुद्दे पर अब तक कोई गंभीर विचार नहीं, आखिर क्यों?

 साथियों, नमस्कार!

जैसा कि हम सभी जानते हैं, सरकार ने पारस्परिक स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन सामान्य स्थानांतरण के मुद्दे पर अब तक कोई गंभीर विचार नहीं हुआ है। दिसंबर में जब शिक्षक एकजुट होकर अपनी आवाज़ उठाने की तैयारी कर रहे थे, सरकार ने पारस्परिक स्थानांतरण का रास्ता खोलकर हमारी एकजुटता को कमजोर करने की कोशिश की। अब शिक्षक अपने-अपने ग्रुप बना रहे हैं, जैसे मानों कल ही उनका तबादला हो जाएगा, जबकि वास्तविकता कुछ और है। हमें समझना होगा कि यह कोई आसान प्रक्रिया नहीं है।



 हमारे अधिकारों की लड़ाई तभी सफल होगी जब हम एकजुट हों। साथियों,


हमारे सामने कुछ महत्वपूर्ण सवाल हैं, जिनका उत्तर ढूंढना अत्यंत आवश्यक है ताकि हम अपनी लड़ाई को मजबूती से आगे बढ़ा सकें। इन सवालों का समाधान हमारे एकजुट प्रयासों और सही दिशा में काम करने पर निर्भर करेगा।

 



प्रश्न: क्या करें कि सरकार दिसंबर में हमारे स्थानांतरण पर विचार करे?


संभावित उत्तर : इस सवाल का जवाब केवल हमारी सक्रियता और दबाव में छिपा है। हमें सरकार पर ऐसा दबाव बनाना होगा कि वह हमारे स्थानांतरण की प्रक्रिया को प्राथमिकता दे और हमारी समस्याओं का समाधान करें। इसके लिए हमे एकजुट होकर एक व्यापक आंदोलन करना होगा, जिससे सरकार को यह महसूस हो कि हम सभी मिलकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।




प्रश्न : क्या किया जाए कि सभी शिक्षक उसी तरह एकजुट हो जाएं, जैसे 72 हजार की नौकरी के लिए एकजुट हुए थे?



संभावित उत्तर : हमें वही उत्साह और एकजुटता फिर से लानी होगी, जो हम पहले अपने अधिकारों के लिए दिखा चुके हैं। इस बार हमें एक मजबूत और सुव्यवस्थित आंदोलन की जरूरत है, जिसमें सभी शिक्षक एकजुट हों। इसके लिए हमें संवाद और साझा मंच तैयार करना होगा, जिससे सभी शिक्षक एकजुट होकर अपनी आवाज उठा सकें और सरकार पर दबाव बना सकें।





प्रश्न : क्या किया जाए कि पूर्व के जुझारू आंदोलनकारी साथी और वर्तमान में स्थानांतरण के लिए सक्रिय शैक्षिक संगठन के नेता एक मंच पर आकर हमें नेतृत्व प्रदान करें?


संभावित उत्तर : हमें उन सभी पुराने जुझारू नेताओं को एक मंच पर लाने की आवश्यकता है, जिन्होंने पहले भी आंदोलन की दिशा तय की थी। साथ ही, वर्तमान में जो सक्रिय शैक्षिक संगठन के नेता हैं, उन्हें भी इस संघर्ष में जोड़ना होगा। जब हम सभी एक साथ आकर नेतृत्व करेंगे, तभी हमारी आवाज को सही दिशा मिलेगी और सरकार पर प्रभाव डाला जा सकेगा।


इन सवालों के उत्तर के लिए हमें सभी शिक्षकों को एकजुट करना होगा और अपनी आवाज़ को बुलंद करना होगा। इसी सिलसिले में, आज दोपहर 2:50 बजे गूगल मीट पर एक बैठक आयोजित की जा रही है, जिसमें हम इन सवालों पर गहन विचार करेंगे। हम अपील करते हैं कि आप इस मीटिंग में जुड़ें और अपने विचार साझा करें।


आपका दोस्त

अनुज शर्मा

9410088261