नई दिल्ली। मोबाइल फोन पर जालसाजों के फर्जी संदेशों से अब बहुत हद तक निजात मिल जाएगी। दूरसंचार नियामक-ट्राई के बुधवार से देशभर में लागू नए नियमों के तहत ऐसे संदेहास्पद संदेशों की पहचान कर उन्हें स्रोत पर ही रोक देने की जिम्मेदारी अब दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की होगी। कंपनियां अब किसी धोखेबाज की ओर से भेजे जाने वाले संदेशों को पहले ही रोक देंगी।
इससे धोखाधड़ी का शिकार होने का खतरा कम हो जाएगा। साथ ही, फोन धारकों को संदेश भेजने वाले का पता लगाना भी आसान होगा। ट्राई ने यह भी स्पष्ट किया, कि फर्जी संदेशों को स्रोत पर ही रोके जाने से मोबाइल फोन पर किसी बिजनेस खाते से आने वाले वैध ओटीपी पर कोई असर नहीं होगा। ऐसे ओटीपी संदेश निर्वाध प्राप्त होते रहेंगे।
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