हमारी सरकार ने साढ़े सात वर्ष में 7 लाख लोगों को दी सरकारी नौकरी: योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उनकी सरकार ने साढ़े सात वर्ष में 7 लाख लोग सरकारी नौकरी में रखे गए हैं। भर्ती की पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता और ईमानदारी से हुई है, इस पर कोई प्रश्न नहीं खड़ा कर सकता है। एक वक्त था कि प्रयागराज में फर्जी डिग्री वाला व थर्ड डिवीजन वाला उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन का अध्यक्ष बन गया था। 2017 के पहले का उस दौर को भी कोई नहीं भूला है जब 86 एसडीएम के पद पर एक ही जाति के 56 लोग भर्ती कर लिए गए।

ये भी पढ़ें - अजब गजब: सेवानिवृत्ति के दिन बीडीओ ने पास कर दिए 1.65 करोड़ के काम

ये भी पढ़ें - पुरानी पेंशन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं

ये भी पढ़ें - एनसीईआरटी की किताबें सस्ती होंगी


विधानसभा में मंगलवार को नियम-56 में सपा सदस्यों द्वारा बेरोजगारी व युवाओं की बदहाली संबंधी सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने ये बातें कहीं। उन्होंने सपा विधायक मनोज कुमार पारस, पूजा, पंकज पटेल के मुद्दे को महत्वपूर्ण व संवेदनशील बताया, लेकिन नसीहत दी कि सदस्यों को सदन की गरिमा व मर्यादा को ध्यान में रखकर तथ्यपरक बातें रखनी चाहिए। हमारी सरकार ने 1.60 लाख से अधिक भर्तियां शिक्षा विभाग में की हैं। यह वे भर्तियां हैं, जो पिछली सरकार की बदनीयती के कारण भरी नहीं जा सकी थीं। अब नौकरियां प्राप्त हो रही हैं। आरक्षण का अक्षरश पालन किया जा रहा है।


सदस्यों द्वारा रखे गए आंकड़े तथ्यपरक नहीं 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर सदस्यों द्वारा रखे गए आंकड़े तथ्यपरक नहीं हैं। यदि उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की भर्तियों की प्रक्रिया को पूर्ण करने की बात है तो 69000 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी हुए हैं। उससे पहले 68500 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को संपन्न किया गया, क्योंकि उस समय बीएड को एनसीटीई ने उस परीक्षा के योग्य नहीं माना था और उस समय बीटीसी के इतने अभ्यर्थी हमारे पास नहीं थे। इसमें केवल 42 हजार शिक्षकों की भर्ती हो पाई थी, जो आज विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं। इन सभी को नियुक्ति पत्र जारी हुआ। 44,000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया माध्यमिक व उच्चतर शिक्षा चयन आयोग बोर्ड के द्वारा संपन्न की जा चुकी है। 69 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में बड़ी विनम्रता से कहूंगा कि पिछड़ी जाति के 27आरक्षण के आधार पर 18 हजार पद आरक्षित होते हैं और पिछड़ी जाति के उसमें 32,200 से अधिक नौजवान भर्ती हुए हैं।


2012-17 के बीच बेरोजगारी दर थी 19

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति इसीलिए है, क्योंकि यूपी में अधिक से अधिक निवेश आए। ये 40 लाख करोड़ रुपये का जो निवेश है, यह उत्तर प्रदेश में एक करोड़ 25 लाख से अधिक नौजवानों को सीधे-सीधे नौकरी की गारंटी दे रहा है। इसमें से 15 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों को हम धरातल पर उतार चुके हैं और 10 लाख करोड़ पाइप लाइन में है, जिसे हम कभी भी ग्राउंड ब्रेकिंग करके आगे बढ़ा सकते हैं।


देश में यूपी का बैंकों से लेनदेन सर्वाधिक

मुख्यमंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक रिपोर्ट कहती है कि भारत के अंदर उत्तर प्रदेश का बैंकों से लेनदेन सर्वाधिक है। जब हम लोग आए थे तब सीडी रेशियो 44 के आसपास था और आज यह 60 फीसदी है। यह दिखाता है कि यदि 100 रुपये जमा हो रहा है तो 60 रुपये यूपी के अंदर ही यहां के नौजवानों, बेरोजगारों और यूपी के ही व्यावसाइयों को राज्य के अंदर रोजगार सृजन करने, यूपी में नए रोजगार को बढ़ाने में मदद करता है। हम मानते हैं कि इसको 75 फीसदी होना चाहिए।



कानून-व्यवस्था की स्थिति पहले बहुत खराब थी, आज स्थिति सुधरी है। 2016 के सापेक्ष 2022-23 में देखेंगे तो आज के दिन पर एनसीआरबी के डाटा के अनुसार, डकैती के मामलों में 80.31 प्रतिशत की कमी, लूट में 61.51, हत्या में 32.45, बलवा 51.65, फिरौती में 43.18, दुष्कर्म में 21.79 प्रतिशत की कमी आई है।