नई दिल्ली। भारत पैसों के लेन-देन के मामले में डिजिटल क्रांति की एक नई इबारत लिख रहा है। पिछले 11 माह के दौरान यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी यूपीआई के जरिये 223 लाख करोड़ रुपये का लेन-देन किया गया। इस साल जनवरी से नवंबर तक की इस अवधि में लोगों ने कुल 15,547 करोड़ बार लेन-देन के लिए यूपीआई का इस्तेमाल किया। फाइड
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि यूपीआई लेनदेन के आंकड़े भारत में वित्तीय भुगतान के तरीके में परिवर्तनकारी प्रभावों को दर्शाते हैं। वित्त मंत्रालय ने वार्षिक रिव्यू के हैशटैग के साथ जारी पोस्ट में बताया कि भारत से बाहर भी कई देशों में इसका काफी बढ़-चढ़कर इस्तेमाल किया जा रहा है। मंत्रालय के मुताबिक, यूपीआई और रुपे दोनों की सीमाएं तेजी से विस्तारित हो रही हैं।
सात देशों में हो रहा इस्तेमाल
मौजूदा समय में यूपीआई का इस्तेमाल सात देशों में जारी है, जिसमें यूएई, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस जैसे प्रमुख बाजार शामिल हैं। उपयोगकर्ताओं को एक से दूसरे बैंक के बीच तुरंत धन हस्तांतरित करने की सुविधा देने वाली डिजिटल प्रणाली यूपीआई को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने 2016 में लॉन्च किया था।
भुगतान का पूरा तरीका बदल गया
यूपीआई ने कई बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन में एकीकृत करके देश में भुगतान के पूरे तरीके को ही बदलकर रख दिया है। यह प्रणाली निर्वाध निधि हस्तांतरण, व्यापारी भुगतान और पीयर-टू-पीयर लेनदेन को सक्षम बनाती है, जो लेन-देन को चंद सेकेंड का काम बना देती है।