इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के बर्खास्त शिक्षक राघवेंद्र मिश्र को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। न्यायालय ने शुक्रवार को उनकी अपील खारिज कर दी।
ये भी पढ़ें - ड्रेस पहनकर स्कूल नहीं आए बच्चे तो परिजनों को नहीं मिलेगा फ्री राशन
ये भी पढ़ें - 👉राजस्व परिषद द्वारा सभी जिलों से category wise लेखपाल भर्ती 2022 मे रिक्त पदों का व्योरा माँगा गया
इविवि के असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त राघवेंद्र मिश्र पर विभागाध्यक्ष के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप था। इसके अलावा यह भी आरोप था कि नियुक्ति के समय भरे जाने वाले फॉर्म में उन्होंने लंबित यौन उत्पीड़न के आपराधिक मामले को छिपाया है। इन आरोपों में परिवीक्षा अवधि के दौरान ही पिछले वर्ष सितंबर में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था।
राघवेंद्र ने विश्वविद्यालय प्रशासन के इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर न्यायालय ने विश्वविद्यालय को सही
जांच कर उचित कदम उठाने के निर्देश दिया था। इसी क्रम में विश्वविद्यालय की ओर से विशेष अपील की गई जिस पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने विश्वविद्यालय प्रशासन के राघवेंद्र की बर्खास्तगी के आदेश को सही ठहराया था।